Punjab: पंजाब वक्फ बोर्ड का रेंट कलेक्टर तीन लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार विजिलेंस ने बिछाया था जाल – The Hill News

Punjab: पंजाब वक्फ बोर्ड का रेंट कलेक्टर तीन लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार विजिलेंस ने बिछाया था जाल

चंडीगढ़

पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही राज्य सरकार की मुहिम के तहत विजिलेंस ब्यूरो ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। विजिलेंस की टीम ने फिरोजपुर जिले के जीरा में तैनात पंजाब वक्फ बोर्ड के एक रेंट कलेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी अधिकारी का नाम मोहम्मद इकबाल है, जिसे तीन लाख रुपये की भारी-भरकम रिश्वत राशि स्वीकार करते हुए दबोचा गया है। यह कार्रवाई विजिलेंस ब्यूरो की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा की गई है।

जमीन के कब्जे के बदले मांगी थी रिश्वत

विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई एक शिकायत के आधार पर की गई है। शिकायतकर्ता, जो कि फिरोजपुर जिले का ही निवासी है, ने विजिलेंस से संपर्क कर बताया था कि उसे वक्फ बोर्ड जीरा द्वारा एक जमीन आवंटित की गई थी। नियमतः सारी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद, उसे जमीन का कब्जा नहीं दिया जा रहा था।

शिकायत के अनुसार, जब पीड़ित ने जमीन का कब्जा लेने के लिए रेंट कलेक्टर मोहम्मद इकबाल से संपर्क किया, तो उसने इसके बदले में भारी रिश्वत की मांग की। आरोपी ने पीड़ित से कहा कि जमीन का कब्जा दिलाने के लिए उसे किसी ‘वरिष्ठ अधिकारी’ को खुश करना होगा और इसके लिए कुल 5 लाख 40 हजार रुपये की रिश्वत देनी होगी।

किश्तों में हो रही थी रिश्वत की डील

हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपी ने रिश्वत की यह रकम एक बार में नहीं, बल्कि किश्तों में मांगी थी। विजिलेंस की जांच में सामने आया कि आरोपी मोहम्मद इकबाल पहले ही शिकायतकर्ता से बतौर ‘टोकन मनी’ या पहली किश्त के रूप में 70 हजार रुपये ले चुका था। इसके बाद वह बाकी पैसों के लिए लगातार दबाव बना रहा था।

सरकारी फीस जमा होने के बाद भी अटकाया काम

मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता ने जमीन की लीज और किराए से संबंधित 2 लाख 98 हजार रुपये की सरकारी फीस पहले ही चेक के माध्यम से जमा करवा दी थी। ये चेक वक्फ बोर्ड जीरा के नाम पर थे। विजिलेंस टीम ने जब छापेमारी की, तो आरोपी रेंट कलेक्टर के कार्यालय से वे चेक भी बरामद हुए। इससे साफ हो गया कि सरकारी खजाने में पैसा जमा करने की प्रक्रिया के बावजूद, रिश्वत न मिलने के कारण अधिकारी ने जानबूझकर काम अटका रखा था।

विजिलेंस ने ऐसे बिछाया जाल

शिकायत की प्रारंभिक जांच सही पाए जाने के बाद, विजिलेंस ब्यूरो की ईओडब्ल्यू टीम ने एक सुनियोजित जाल बिछाया। तय योजना के मुताबिक, शिकायतकर्ता दूसरी किश्त के रूप में 3 लाख रुपये लेकर आरोपी के पास पहुंचा। जैसे ही मोहम्मद इकबाल ने दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में रिश्वत के पैसे स्वीकार किए, विजिलेंस की टीम ने उसे मौके पर ही रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज

विजिलेंस ब्यूरो ने आरोपी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ लुधियाना रेंज के ईओडब्ल्यू पुलिस थाने में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। प्रवक्ता ने बताया कि मामले की आगे की जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस भ्रष्टाचार में क्या कोई अन्य अधिकारी भी शामिल है, जिसके नाम पर रिश्वत की मांग की जा रही थी।

 

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