चंडीगढ़. पंजाब के लोगों को बेहतर और स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को एक अहम फैसला लिया है। चंडीगढ़ में आयोजित कैबिनेट की बैठक में सरकार ने राज्य भर की सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में 300 विशेषज्ञ डॉक्टरों को पैनल पर रखने (इम्पैनलमेंट) को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर होगी और मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों के महंगे खर्च से राहत मिलेगी।
मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए इस निर्णय के तहत ये 300 डॉक्टर 12 प्रमुख चिकित्सा क्षेत्रों के विशेषज्ञ होंगे। इनमें मेडिसिन, बाल रोग, मनोरोग, त्वचा रोग, छाती और टीबी, सर्जरी, स्त्री रोग, हड्डी रोग, नेत्र रोग, ईएनटी और एनेस्थिसियोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इन विशेषज्ञों की उपलब्धता से पंजाब के लोगों के लिए सेकेंडरी हेल्थकेयर की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा। इन डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। अब जिला स्तर पर सिविल सर्जन के माध्यम से इन स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का इम्पैनलमेंट किया जाएगा। इन डॉक्टरों को वेतन के बजाय प्रति मरीज और सेवा के आधार पर भुगतान किया जाएगा। यानी उन्हें ओपीडी, आईपीडी, इमरजेंसी कॉल, बड़ी और छोटी सर्जरी जैसी सेवाओं के लिए निर्धारित फीस दी जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा कैबिनेट ने सहकारिता विभाग के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए भी बड़ा कदम उठाया है। मंत्रिमंडल ने पंजाब कोऑपरेटिव सोसाइटीज रूल्स 1963 के तहत ‘नियम 28ए’ को शामिल करने की सहमति दे दी है। इस नए नियम के आने से विभाग में एक समान अनुशासनात्मक और अपीलीय ढांचा लागू होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अपीलीय चैनलों का दोहराव खत्म हो जाएगा और एक ही बोर्ड या उसकी समितियों के भीतर परस्पर विरोधी फैसलों से बचा जा सकेगा। यह नियम अनुशासनात्मक कार्यवाही में ‘चेन ऑफ कमांड’ को स्पष्ट करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी अपील की सुनवाई संस्था के भीतर केवल एक बार हो। इससे कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा होगी और संस्थागत जवाबदेही मजबूत होगी। साथ ही पंजाब के सहकारी क्षेत्र के तहत काम करने वाले सभी शीर्ष संस्थानों और केंद्रीय सहकारी बैंकों में एकरूपता आएगी।
बैठक में खनन विभाग से जुड़े नियमों में भी संशोधन को हरी झंडी दिखाई गई। कैबिनेट ने पंजाब स्टेट माइनर मिनरल्स (संशोधन) पॉलिसी 2025 के अनुसार पंजाब माइनर मिनरल्स रूल्स 2013 को मंजूरी दे दी है। राज्य में आवंटित किए जाने वाले क्रशर माइनिंग साइट्स और लैंडओनर माइनिंग साइट्स के पट्टाधारकों को खनन अधिकार आवंटित करने के लिए मौजूदा नियमों में ये नए बदलाव जरूरी थे। सरकार का मानना है कि इन संशोधनों से खनन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और काम में तेजी देखने को मिलेगी। भगवंत सिंह मान सरकार के ये फैसले प्रशासनिक सुधार और जनहित की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।
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