Uttarakhand: गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने गुरुद्वारे में मत्था टेका और की लंगर सेवा – The Hill News

Uttarakhand: गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने गुरुद्वारे में मत्था टेका और की लंगर सेवा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सिखों के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें बलिदान दिवस के अवसर पर देहरादून स्थित रेसकोर्स गुरुद्वारे में हाजिरी लगाई। इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में जाकर शीश नवाया और गुरु साहिब के प्रति अपनी गहरी आस्था प्रकट की। गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान और उनके त्याग को याद करते हुए आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूरी श्रद्धा के साथ हिस्सा लिया।

गुरुद्वारे पहुंचने पर मुख्यमंत्री धामी ने सबसे पहले पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और प्रदेश की खुशहाली व समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात उन्होंने वहां मौजूद संगत के साथ बैठकर कुछ समय तक शबद कीर्तन का श्रवण किया। गुरुवाणी के इस प्रवाह ने वहां के माहौल को पूरी तरह से भक्तिमय बना दिया था। धार्मिक अनुष्ठान के बाद मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा साहिब रेसकोर्स के प्रबंधकों और पदाधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें स्मृति चिन्ह (मोमेंटो) भेंट कर सम्मानित भी किया गया।

इस दौरे की सबसे खास बात मुख्यमंत्री द्वारा की गई लंगर सेवा रही। वीआईपी संस्कृति से दूर हटकर मुख्यमंत्री धामी ने एक सामान्य सेवक की भांति संगत के बीच जाकर लंगर बरताया। उन्होंने श्रद्धालुओं को भोजन परोसा और सेवा भाव का परिचय दिया। इसके बाद अपने संबोधन में पुष्कर सिंह धामी ने गुरु तेग बहादुर जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि धर्म, मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महापुरुषों में गुरु तेग बहादुर साहिब का स्थान अद्वितीय है। इतिहास में उनके त्याग की मिसाल मिलना मुश्किल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु साहिब ने दुनिया को प्रेम, एकता और भाईचारे का जो संदेश दिया, वह आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके बलिदान से हमें समाज में आपसी एकता और सद्भाव बनाए रखने की शक्ति मिलती है।

सिख समाज के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। इस रोपवे के बन जाने से बुजुर्ग और शारीरिक रूप से अक्षम श्रद्धालुओं को दुर्गम चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी और उनकी यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ अब सिख समाज तक भी पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिल सकें।

इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष बलवीर सिंह साहनी, सचिव राजिंदर पाल सिंह चंडोक और भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल समेत कई गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

 

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