Punjab: धान खरीद में संगरूर जिला अव्वल, पंजाब सरकार के पुख्ता इंतजाम

चंडीगढ़: पंजाब में चल रहे धान खरीद सीजन में संगरूर जिले ने आवक और खरीद दोनों के मामले में पहला स्थान हासिल किया है. यह मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की किसानों, आढ़तियों और मजदूरों सहित सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से मंडियों में एक सुचारू और निर्बाध खरीद तंत्र सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

11 नवंबर तक मंडियों में कुल 15376697.06 लाख मीट्रिक टन (LMT) धान की आवक हुई है, जिसमें से 15269488.62 LMT उपज की खरीद की जा चुकी है. यह आंकड़ा 99 प्रतिशत के निशान को पार कर गया है. जहां तक उठान का सवाल है, खरीदी गई फसल में से 13854981.49 मीट्रिक टन का उठान हो चुका है, जो 90 प्रतिशत के निशान को पार कर गया है. यह दर्शाता है कि खरीद प्रक्रिया के साथ-साथ धान के उठान में भी तेजी बनी हुई है, जिससे मंडियों में भीड़भाड़ कम हो रही है और किसानों को अपनी उपज बेचने के बाद जल्द भुगतान सुनिश्चित हो रहा है.

संगरूर जिले ने आवक और खरीद दोनों मापदंडों पर शीर्ष स्थान हासिल किया है, जहां आवक 1330792.77 मीट्रिक टन और खरीद 1328302.88 मीट्रिक टन दर्ज की गई है. यह संगरूर के किसानों की कड़ी मेहनत और प्रशासन के प्रभावी प्रबंधन को दर्शाता है. बठिंडा जिले ने आवक और खरीद दोनों दृष्टिकोण से दूसरा स्थान प्राप्त किया है, जहां आवक का आंकड़ा 1303454.28 मीट्रिक टन और खरीद 1253400.2 मीट्रिक टन है. पटियाला जिला आवक और खरीद दोनों में तीसरे स्थान पर है, जहां आवक 1120786.79 मीट्रिक टन और खरीद 1120772.77 मीट्रिक टन दर्ज की गई है.

उठान के मामले में, पटियाला जिले ने अब तक शीर्ष स्थान हासिल किया है, जहां 1087806.56 मीट्रिक टन धान का उठान हुआ है. संगरूर जिला 1083766.01 मीट्रिक टन के साथ दूसरे स्थान पर है, जो उसकी निरंतर प्रगति को दर्शाता है. 1070364.39 मीट्रिक टन के साथ बठिंडा उठान श्रेणी में तीसरा स्थान रखता है. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि पंजाब सरकार ने न केवल खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि खरीदे गए धान का समय पर उठान हो सके, ताकि किसानों और आढ़तियों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.

सरकार ने खरीद प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें मंडियों में उचित व्यवस्था, पारदर्शिता और त्वरित भुगतान शामिल है. इन प्रयासों से किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी हुई है और उन्हें उचित मूल्य भी मिल रहा है. धान खरीद सीजन के सफल संचालन से किसानों में उत्साह है और यह पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है.

 

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