Bhutan: प्रधानमंत्री मोदी का दो दिवसीय भूटान दौरा संपन्न, द्विपक्षीय संबंधों को मिली नई ऊर्जा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान का अपना दो दिवसीय दौरा सफलतापूर्वक पूरा किया, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिली है। बुधवार को उनके दौरे का दूसरा और अंतिम दिन था, जहां उन्होंने भूटान के चौथे राजा द्रुक ग्यालपो जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के साथ द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया। इस बैठक में दोनों देशों के बीच साझेदारी को और गहरा करने पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को थिम्फू में भूटान के वर्तमान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ मिलकर ‘कालचक्र अभिषेक’ कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया।

मुलाकात के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए लिखा कि उन्होंने भूटान के चौथे राजा द्रुक ग्यालपो के साथ एक बेहतरीन मुलाकात की। उन्होंने भारत-भूटान संबंधों को मजबूत करने के लिए राजा के पिछले कुछ वर्षों के व्यापक प्रयासों की सराहना की। वार्ता के दौरान ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री ने गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना की प्रगति की भी सराहना की, जिसे भारत की एक्ट ईस्ट नीति के अनुरूप बताया गया।

दिल्ली विस्फोट पर भूटान नरेश की संवेदनाएं, भारत का समर्थन

भूटान के राजा ने एक आधिकारिक बयान जारी कर दिल्ली में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही, उन्होंने घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की। भारत सरकार ने इस मुश्किल समय में भूटान सरकार द्वारा दिखाए गए समर्थन और एकजुटता की प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के प्रति भारत के पूर्ण समर्थन की पुष्टि की, जिसमें एक आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम भी शामिल है। उन्होंने भूटान को उसकी प्रमुख विकास प्राथमिकताओं को हासिल करने और सभी क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से मदद करने का आश्वासन दिया।

जलविद्युत परियोजनाओं को मिली गति

प्रधानमंत्री मोदी और भूटान नरेश ने मंगलवार को 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-2 जलविद्युत परियोजना का भी संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। भूटान सरकार ने इस परियोजना को जलविद्युत के क्षेत्र में भूटान और भारत के बीच मित्रता और सहयोग का प्रतीक बताया। दोनों नेताओं ने पुनात्सांगछू-2 से भारत को बिजली के निर्यात की शुरुआत का स्वागत किया। इसके अतिरिक्त, भारत और भूटान के बीच 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछू-I जलविद्युत परियोजना के मुख्य बांध ढांचे पर काम फिर से शुरू करने पर भी सहमति बनी है। एक बार पूरा होने पर, पुनात्सांगछू-I दोनों सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना बन जाएगी।

अपने दो दिवसीय भूटान दौरे को पूरा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थिम्फू से भारत के लिए रवाना हो गए। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोग्बे ने एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी को भावभीनी विदाई दी।

 

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