Bihar: बिहार चुनाव में विपक्ष का सवाल, मोदी की रैली से क्यों गायब हैं नीतीश

नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार समन्वयक धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति को लेकर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया है। विपक्ष यह दावा कर रहा है कि एनडीए खेमे में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान में नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी को लेकर।

धर्मेंद्र प्रधान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह एनडीए की योजना का हिस्सा था कि हर नेता व्यक्तिगत रूप से चुनाव प्रचार करेगा। प्रधान ने बताया, “चुनावों से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार के निमंत्रण पर 7-8 सरकारी कार्यक्रमों में भाग लिया था। 24 अक्टूबर को समस्तीपुर में जननायक कर्पूरी ठाकुर के गांव में चुनाव प्रचार शुरू हुआ, जहां प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान सहित सभी एनडीए नेता मौजूद थे।”

उन्होंने आगे स्पष्ट किया, “यह हमारी योजना का हिस्सा है। हमने तय किया है कि हम सभी व्यक्तिगत रूप से चुनाव प्रचार करेंगे।”

कांग्रेस के आरोप:

दूसरी ओर, कांग्रेस लगातार एनडीए की एकजुटता पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस का कहना है कि पटना में प्रधानमंत्री के रोड शो और बिहार में अन्य जगहों पर राजनीतिक रैलियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हो रहे हैं। पार्टी दावा कर रही है कि भाजपा नीतीश को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संबंध में बयान देते हुए कहा था, “यह साफ है कि नीतीश दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। वे (भाजपा नेता) एक साजिश रच रहे हैं। एनडीए के घोषणापत्र जारी होने के दौरान भी उन्हें (नीतीश कुमार को) बोलने नहीं दिया गया।”

बिहार विधानसभा चुनाव का समीकरण:

2025 के विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण में एनडीए को अपना प्रभुत्व बनाए रखने में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, खासकर उत्तरी बिहार के अपने गढ़ों में। इसमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी जैसे जिले शामिल हैं। इन सीटों पर सत्तारूढ़ गठबंधन का वर्तमान में 30 विधानसभा सीटों पर दबदबा है।

इस चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के 12 मंत्रियों के भाग्य का भी फैसला होगा। इनमें जदयू नेता विजेंद्र यादव (सुपौल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे), लेसी सिंह (धमदाहा), जयंत कुशवाहा (अमरपुर), सुमित सिंह (चकाई), मोहम्मद जमा खान (चैनपुर) और शीला मंडल (फुलपरास) शामिल हैं।

मैदान में भाजपा के प्रमुख मंत्रियों में प्रेम कुमार (गया), रेनू देवी (बेतिया), विजय कुमार मंडल (सिकटी), नीतीश मिश्रा (झंझारपुर), नीरज बबलू (छातापुर), और कृष्णनंदन पासवान (हरसिद्धि) शामिल हैं। दूसरे चरण में कुल 1,302 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 136 (लगभग 10 प्रतिशत) महिलाएं हैं। इस चरण का परिणाम बिहार की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

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