चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के नेतृत्व में पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल रहा है. राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2024 में पंजाब ने पहली बार देशभर में प्रथम स्थान हासिल कर केरल जैसे पारंपरिक रूप से अग्रणी राज्य को पीछे छोड़ दिया है.
कक्षा 3, 6 और 9 में छात्रों के प्रदर्शन ने पंजाब को शीर्ष पर पहुंचा दिया है. यह उपलब्धि पंजाब सरकार के शिक्षा सुधारों, डिजिटल स्कूलिंग और शिक्षकों के प्रशिक्षण का नतीजा है. राज्य में अब सरकारी स्कूल निजी संस्थानों को चुनौती दे रहे हैं.
शिक्षा मंत्री बैंस के अनुसार, “यह सफलता आम बच्चे की मेहनत और सरकार की नीतियों का संगम है.” सरकारी स्कूलों के छात्रों ने अब नीट और जेईई जैसी कठिन परीक्षाओं में भी शानदार प्रदर्शन किया है. वर्ष 2025 में 845 छात्रों ने नीट, 265 ने जेईई मेन्स, और 44 ने जेईई एडवांस्ड पास की जिनमें से 6 छात्रों को आईआईटी में प्रवेश मिला.
यह सफलता “स्कूल ऑफ एमिनेंस” और सरकारी कोचिंग शिविरों का परिणाम है. राज्य सरकार ने सभी सरकारी स्कूल छात्रों को मुफ्त किताबें और यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई हैं. 15.49 लाख से अधिक छात्रों को यूनिफॉर्म मिली है, जबकि पाठ्यपुस्तकें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से मुफ्त दी जा रही हैं.
पंजाब एजुकेशन रिक्रूटमेंट बोर्ड ने 2025 में 725 नए शिक्षकों की भर्ती की है, जबकि 10,000 से अधिक संविदा शिक्षकों को नियमित किया गया है. अब तक कुल 25,000 से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्त या स्थायी किया जा चुका है. शिक्षा के इस क्रांतिकारी परिवर्तन से पंजाब आज देश का सबसे अग्रणी शैक्षिक राज्य बनकर उभरा है, जहां सरकारी स्कूलों में पढ़ना अब गर्व की बात है.
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