नई दिल्ली। भारत के चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है, यह घोषणा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पूरी होने के बाद की गई है। हालांकि, SIR प्रक्रिया को लेकर विवाद जारी है और विपक्ष लगातार इस पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा है कि आयोग में इतना साहस नहीं है कि वह यह बता सके कि SIR के दौरान बिहार की मतदाता सूची से कितने विदेशियों के नाम हटाए गए हैं।
जयराम रमेश के अनुसार, अगर चुनाव आयोग ने यह बताया होता कि मतदाता सूची से कितने गैर-नागरिकों को हटाया गया है, तो स्थिति और भी अधिक स्पष्ट हो जाती। जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक अंग्रेजी अखबार का संपादकीय साझा करते हुए कहा कि बिहार में SIR करवाने के बावजूद चुनाव आयोग पूर्णता, समानता और सटीकता के पहलुओं पर विफल रहा है।
SIR प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज होनी है। इससे पहले, 8 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि SIR प्रक्रिया में आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में शामिल किया जाए।
चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की थी। इस सूची के अनुसार, बिहार में 24 जून 2025 तक कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं। पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी। चुनाव आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि ड्राफ्ट लिस्ट से 65 लाख मतदाताओं को हटाया गया है। इस प्रकार, 1 अगस्त 2025 तक ड्राफ्ट लिस्ट में मतदाताओं की संख्या 7.24 करोड़ थी।