Punjab: ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजेंद्र गुप्ता ने पंजाब योजना बोर्ड और काली माता मंदिर कमेटी से इस्तीफा दिया, राज्यसभा जाने की अटकलें तेज

चंडीगढ़। प्रसिद्ध उद्योगपति और ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजेंद्र गुप्ता ने पंजाब योजना बोर्ड के वाइस चेयरमैन और श्री काली माता मंदिर प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन के पदों से इस्तीफा दे दिया है, जिसे पंजाब सरकार ने स्वीकार कर लिया है. उनके इस अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को जन्म दे दिया है, खासकर उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने की अटकलें तेज हो गई हैं.

हाल ही में की थी मंदिर विकास की घोषणा

दिलचस्प बात यह है कि राजेंद्र गुप्ता ने कुछ ही दिन पहले नवरात्र के दौरान घोषणा की थी कि पटियाला के पुरातन श्री काली माता मंदिर को वैष्णो देवी और मनसा देवी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. उन्होंने तब कहा था कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं को मंदिर के प्रबंधन में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा. उनकी इस घोषणा के कुछ ही समय बाद इस्तीफा देने से कई सवाल खड़े हो गए हैं.

राज्यसभा जाने की अटकलें

राजेंद्र गुप्ता के इस्तीफा देने से इस बात ने जोर पकड़ लिया है कि उन्हें राज्यसभा में भेजा जा रहा है. हालांकि, सरकार में उच्च पदस्थ अधिकारियों ने इस बात से अनभिज्ञता जताई है और इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. इन अटकलों का मुख्य कारण यह है कि आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा के इस्तीफा देने के बाद से पंजाब में राज्यसभा की एक सीट खाली पड़ी है, जिसको भरने के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है.

राज्यसभा उपचुनाव की प्रक्रिया

राज्यसभा की खाली सीट के लिए चुनाव 24 अक्टूबर को होना है. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए, इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार का जीतना तय माना जा रहा है. पंजाब विधानसभा में कुल 116 में से 93 विधायक आम आदमी पार्टी के हैं, जिससे उन्हें इस सीट पर आसानी से जीत हासिल होगी. इसके अलावा, तरनतारन की एक विधानसभा सीट भी खाली है जिस पर उपचुनाव होने की घोषणा किसी भी समय हो सकती है.

राजेंद्र गुप्ता का महत्व

राजेंद्र गुप्ता पंजाब के एक प्रमुख उद्योगपति हैं और ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन हैं, जो कपड़ा और कागज उद्योग में एक बड़ा नाम है. उनका पंजाब योजना बोर्ड के वाइस चेयरमैन और श्री काली माता मंदिर प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर होना राज्य के विकास और धार्मिक मामलों में उनकी सक्रिय भागीदारी को दर्शाता था. उनके इस्तीफे से इन दोनों ही क्षेत्रों में एक रिक्तता पैदा हुई है.

राजनीतिक भविष्य पर नजर

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या राजेंद्र गुप्ता वास्तव में राज्यसभा के लिए चुने जाएंगे. यदि ऐसा होता है, तो यह पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना होगी और आम आदमी पार्टी के लिए एक प्रमुख उद्योगपति को अपने साथ जोड़ने का संकेत भी होगा. उनकी विशेषज्ञता और अनुभव राज्यसभा में पंजाब के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सहायक हो सकते हैं. फिलहाल, यह देखना बाकी है कि यह अटकलें कितनी सच साबित होती हैं और राजेंद्र गुप्ता का अगला कदम क्या होता है.

 

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