नई दिल्ली: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है, जहाँ आवामी एक्शन कमेटी (AAC) के बाद अब PoK की स्थानीय पुलिस भी पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है पुलिसकर्मियों में पाकिस्तान सरकार के प्रति गहरी नाराजगी देखी जा रही है.
पुलिस की हड़ताल के बाद PoK में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है पुलिसकर्मियों की मांगें पूरी न होने पर आज पूरे PoK में बंद की घोषणा की गई है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने PoK में भारी संख्या में पुलिस बल और फ्रंटियर फोर्स के जवान तैनात किए हैं.] लगभग 7,000 पुलिसकर्मी और फ्रंटियर फोर्स के जवानों को राजधानी इस्लामाबाद से PoK भेजा गया है.[
पुलिसकर्मियों का गुस्सा क्यों फूटा
PoK के पुलिसकर्मियों को पाकिस्तानी सरकार से कई शिकायतें हैं.] उन्होंने पाक सरकार के सामने 11 मांगें रखी थीं, जिनमें वेतन बढ़ाने से लेकर जोखिम भत्ता, आवास और सरकारी योजनाओं का लाभ देने जैसी बातें शामिल थीं. हालांकि, पाक सरकार ने उनकी इन मांगों को खारिज कर दिया, जिससे पुलिसकर्मियों का गुस्सा भड़क गया और वे सभी सड़कों पर उतर आए.
आम लोगों ने भी खोला मोर्चा
पुलिस के अलावा, आवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने भी पाक सरकार और सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हजारों लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कई जगहों पर चक्का जाम कर दिया गया है. AAC एक सिविल सोसाइटी संगठन है जो PoK में दशकों से राजनीतिक भेदभाव और आर्थिक उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठा रहा है.[ AAC ने पाकिस्तान सरकार के सामने 38 मांगों का एक प्रस्ताव रखा है, जिसमें कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित सीटों को खत्म करने, सब्सिडी वाले आटे की आपूर्ति, मंगला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से सस्ती बिजली और इस्लामाबाद के पुराने वादों को पूरा करने की मांग शामिल है.[
AAC के प्रमुख नेता शौकत नवाज मीर ने मुजफ्फराबाद में भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि उनका आंदोलन किसी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन मौलिक अधिकारों की मांग है जो पिछले 70 सालों से उन्हें नहीं दिए गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि या तो उन्हें उनके अधिकार दिए जाएं या फिर सरकार जनता के गुस्से का सामना करने के लिए तैयार रहे.
हालात पर काबू पाने के लिए सरकार ने PoK में इंटरनेट सेवाएं रद्द कर दी हैं. पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनों को दबाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें हजारों सैनिकों को बुलाकर PoK के प्रमुख शहरों में तैनात करना शामिल है. शनिवार और रविवार को पुलिस ने प्रमुख शहरों की सीमाएं सील कर दी थीं ताकि आंदोलनकारी राजधानी की ओर न बढ़ सकें.[हालांकि, AAC और जनता पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, जिससे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक बड़े टकराव की स्थिति बनती दिख रही है.
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