
धामी सरकार के चार वर्ष की उपलब्धियों पर विचार गोष्ठी में बोले कोश्यारी
धामी सरकार के चार वर्षों में उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त
गोष्ठी में विषय-विशेषज्ञों ने की विकास योजनाओं पर चर्चा
देहरादून, 19 सितंबर। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगला दशक उत्तराखंड का तभी होगा, जब हम मोदी-धामी के हाथों को मजबूत करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में धामी सरकार की उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है. धामी एक मुख्यमंत्री के तौर पर सफल और लोकप्रिय साबित हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ी उपलब्धि है कि विपक्षी नेता ही नहीं, बल्कि कार्यकर्ता तक व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री धामी की आलोचना नहीं करते.
संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी में कोश्यारी ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के व्यवहार में सरलता है. वह जहां से भी अच्छे गुण मिलते हैं, उन्हें अंगीकार कर लेते हैं. निर्णयों को लागू करने में यदि सख्ती की आवश्यकता होती है, तो वह इसी अनुरूप पेश आते हैं. लोगों से मिलने, जुलने और संवाद स्थापित करने में उनकी विनम्रता की हर कोई तारीफ करता है. उन्होंने तुलसीदास के एक दोहे का जिक्र करते हुए कहा- तज दे बचन कठोर. राजनीति में मीठा होना बहुत कठिन होता है, लेकिन मुख्यमंत्री धामी को चार वर्षों में कठोर बोलते हुए किसी ने नहीं देखा है. हालांकि राज-काज चलाने के लिए जहां जरूरी होता है, वह सख्ती बरतते हैं. उन्होंने योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और इनमें जनसहभागिता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सरकार विकास की राह में तेजी से बढ़ रही है.
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की कमेटी की सदस्य रहीं दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि यूसीसी पर मुख्यमंत्री धामी ने जो कदम उठाया, वह बेहद साहसिक था. इससे जुड़ी चुनौतियों और आशंकाओं का पूर्व अनुमान था, लेकिन उत्तराखंड ने इसे कर दिखाया. उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उत्तराखंड में बेहतर ढंग से लागू करने के लिए धामी सरकार बढ़िया ढंग से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि चाहे स्कूली शिक्षा हो, उच्च शिक्षा हो या फिर दूरस्थ शिक्षा ही क्यों न हो, उत्तराखंड ने पिछले चार वर्षों में बहुत अच्छी स्थिति प्राप्त की है.
यूकाॅस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार में सरकार बेहद दिलचस्पी लेकर काम कर रही है. खुद मुख्यमंत्री धामी समय-समय पर इस संबंध में योजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. यही वजह है कि देश की पांचवीं साइंस सिटी उत्तराखंड में अगले साल तक अस्तित्व में आ जाएगी. मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो. गोविंद सिंह ने कहा कि नकल पर सख्त कानून लाकर धामी सरकार ने नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए ठोस कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में इतना सख्त नकल विरोधी कानून नहीं है.
दून विश्वविद्यालय के डीन प्रो. हरीश चंद्र पुरोहित ने धर्मांतरण विरोधी कानून पर अपने विचार रखे. उच्च शिक्षा के पूर्व उप निदेशक प्रो. गोविंद सिंह रजवार ने कहा कि चार वर्षों में उच्च शिक्षा का प्रदेश में स्तर बढ़ा है. हिंदी अकादमी दिल्ली के पूर्व सचिव डॉ. हरिसुमन बिष्ट ने कहा कि यह पहला राज्य है, जहां पर सरकार कलाकारों और साहित्यकारों को पुरस्कार में एक से पांच लाख रुपये तक का इनाम दे रही है.
वरिष्ठ पत्रकार विजेंद्र रावत और वैज्ञानिक आई.एस. नेगी ने उत्तराखंड में बागवानी के क्षेत्र में सरकार की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर बात की. कपकोट के विधायक सुरेश गड़िया ने उत्तराखंड में निवेश के संबंध में अर्जित उपलब्धियों पर चर्चा की. कैंट विधायक सविता कपूर ने कहा कि राष्ट्रीय खेल जैसे कई बड़े आयोजनों को धामी सरकार ने सफलतापूर्वक आयोजित किया है. प्रवासी परिषद के उपाध्यक्ष पूरण चंद्र नैलवाल ने कहा कि प्रवासियों के बीच जाकर सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है. राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में प्रवासियों का फिर से सम्मेलन कराया जा रहा है.
संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट ने आभार प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री धामी को संवेदनशील और विकासशील मुख्यमंत्री बताया. दर्जाधारी राज्य मंत्री विनोद उनियाल ने कहा कि राज्य हित में सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है. कार्यक्रम के संयोजक मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक मदन मोहन सती ने उत्तराखंड के विकास में अहम साबित हो रहीं योजनाओं का विस्तार से जिक्र किया. संचालन नीरज बवाड़ी ने किया. इस मौके पर मदन मोहन सती की लिखित पुस्तक नायक से जननायक पुष्कर सिंह धामी का विमोचन भी किया गया.
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