Himachal: कांगड़ा के थुरल में भूस्खलन से 14 परिवार बेघर, सेना और प्रशासन राहत कार्य में जुटा – The Hill News

Himachal: कांगड़ा के थुरल में भूस्खलन से 14 परिवार बेघर, सेना और प्रशासन राहत कार्य में जुटा

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में भारी बारिश से बहुत नुकसान हुआ है। थुरल की बछवाई पंचायत के गड़रेड़ गांव में जमीन धंसने से 14 परिवार बेघर हो गए हैं। प्रशासन ने इन्हें राहत शिविर में पहुंचाया है। प्रभावितों के घर रहने लायक नहीं हैं और सेना ने यहां मोर्चा संभाल लिया है।

बुधवार को सेना के करीब 50 जवान एंबुलेंस के साथ गड़रेड़ पहुंचे। जवानों ने लोगों के साथ प्रभावितों के घरों से जरूरत का सामान निकाला। प्रभावितों के घर धंस गए हैं और दीवारें फट गई हैं। सड़क व जमीन भी धंस गई है।

बुधवार को उपायुक्त हेमराज बैरवा ने घरों का निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया और राहत शिविर में प्रभावितों से बातचीत कर उनका दुख दर्द जाना। इस दौरान एसडीएम धीरा सलीम आजम व सेना के जवान भी उपस्थित रहे। प्रभावितों ने बताया कि जीवन भर की कमाई घर बनाने में लगा दी है।

प्रभावितों ने उपायुक्त को बताई स्थिति

जमीन धंसने से घरों में दरारें आ गई हैं। प्रभावितों कमलेश कुमार, ओम प्रकाश, नरेंद्र कुमार, शांति प्रकाश, देसराज, ज्योति प्रकाश, देवराज, हरनाम सिंह, मनोज कुमार, अश्वनी कुमार, नारायण दास, राकेश कुमार आदि ने उपायुक्त को बताया कि वे जमीन धंसने से बेघर हो गए हैं और राहत शिविर में समय काट रहे हैं। फटी दीवारें देखकर उनके आंसू नहीं थम रहे हैं। अब नया घर बनाने के लिए हिम्मत नहीं है और न ही सुरक्षित जमीन है।

तहसीलदार को जमीन देखने के निर्देश

जिला प्रशासन ने प्रभावितों को दोबारा बसाने के लिए तहसीलदार को भूमि देखने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि यहां पर सरकारी भूमि कम है। प्रभावितों को सरकार की ओर से नियमों के तहत सुरक्षित स्थान पर जमीन दी जाएगी।

2023 में गांव में आठ परिवार हुए थे प्रभावित

गड़रेड़ गांव का पूरा क्षेत्र धंस रहा है। जमीन के भीतर पानी का प्रेशर होने से ऐसा हो रहा है। वर्ष 2023 में भी क्षेत्र में ऐसी घटना हो चुकी है, जिसमें करीब आठ परिवार प्रभावित हुए थे। जो जमीन शेष है वहां पर घर बनाएं तो यही स्थिति हो सकती है।

प्रभावित परिवार किराये का घर ले सकते हैं। सरकार की ओर से उन्हें इसका किराया दिया जाएगा। फिलहाल उतना ही सामान घरों से निकाला जा रहा है, जितना दो कमरों में आ सके। सेना के जवान राहत व बचाव कार्यों में जुट गए हैं। दुख की घड़ी में प्रशासन व सरकार प्रभावितों के साथ हैं। घरों के आसपास की जमीन भी खतरे की जद में हैं। खाली भूमि पर भी घर बनाना मुश्किल है। इसलिए तहसीलदार को सरकारी जमीन देखने के निर्देश दिए हैं।

-सलीम आजम, एसडीएम धीरा।

 

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