देहरादून:
उत्तराखंड कैबिनेट ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनका सीधा प्रभाव राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और आम जनता पर पड़ेगा। पशुपालन, परिवहन, आवास और न्याय विभाग से संबंधित इन प्रमुख निर्णयों का उद्देश्य राज्य में विकास को गति देना और व्यवस्थाओं में सुधार लाना है।
पशुपालन विभाग:
पशुपालन विभाग के तहत 9 पर्वतीय जनपदों – अल्मोड़ा, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चंपावत, पौड़ी, बागेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग – के कुक्कुट पालकों के लिए “कुक्कुट आहार सब्सिडी योजना” लागू की जाएगी। इस योजना का लक्ष्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुक्कुट पालन को बढ़ावा देना है। प्रारंभिक वर्ष 2025-26 में ब्रायलर फार्म योजना के अंतर्गत 816 और कुक्कुट वैली स्थापना योजना के अंतर्गत 781 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा। इस योजना के तहत कुल आहार सब्सिडी के रूप में 2,83,85,000 रुपये (दो करोड़ तिरासी लाख पिच्चासी हजार मात्र) का आवंटन किया जाएगा।
परिवहन विभाग:
देहरादून शहर में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने और सुधारने के लिए “देहरादून सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड” के नाम से एक विशेष प्रयोजन वाहन (Special Purpose Vehicle – SPV) का गठन किया जाएगा। यह SPV देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा संचालित ई-बसों के संचालन, प्रधान मंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत ई-बसों के संचालन और वर्तमान नगर बस सेवा का सुगठित एवं सुव्यवस्थित संचालन करने का कार्य करेगा। इससे देहरादून की शहरी परिवहन व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार आने की उम्मीद है।
आवास विभाग:
जनपद ऊधमसिंहनगर में शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक अहम फैसला लिया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र में नियोजित कॉलोनियों एवं व्यावसायिक निर्माण हेतु ग्राम फाजलपुर महरौला, तहसील रुद्रपुर अंतर्गत कुल रकबा 9.918 हेक्टेयर भूमि को वर्तमान सर्किल रेट पर जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण, ऊधमसिंहनगर के पक्ष में आवंटित किया जाएगा। यह निर्णय क्षेत्र में नियोजित विकास और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
न्याय अनुभाग:
न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से महाधिवक्ता, माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल के अधिष्ठान कार्यालय में आशुलिपिक संवर्ग में एक नया पद सृजित किया जाएगा। यह पद वरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव (वेतनमान 123100-215900, लेवल-13, ग्रेड पे-8700) का होगा। इसके साथ ही, आशुलिपिक (वेतनमान-29200-92300, लेवल-05) का 01 पद समर्पित किया जाएगा, जिससे प्रशासनिक दक्षता में सुधार आएगा।
उत्तराखंड सेवा का अधिकार:
उत्तराखंड सेवा का अधिकार का नवम वार्षिक प्रतिवेदन 2023-24 को विधानसभा पटल पर प्रस्तुत किए जाने को भी मंजूरी मिल गई है। यह प्रतिवेदन राज्य में सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत दी जा रही सेवाओं और उनकी प्रगति को दर्शाएगा।