चंडीगढ़: पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रधानमंत्री द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए घोषित 1600 करोड़ रुपये के पैकेज को “ऊंट के मुंह में जीरा” बताया है और इस बात से इनकार किया है कि राज्य के पास स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) में 12000 करोड़ रुपये का बकाया है.
प्रधानमंत्री ने अपने बाढ़ ग्रस्त इलाकों के दौरे के बाद पैकेज की घोषणा करते हुए कहा था कि राज्य के पास 12000 करोड़ रुपये का डिजास्टर मैनेजमेंट फंड है जिसका उपयोग किया जा सकता है. हालांकि, चीमा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि राज्य के पास ऐसा कोई पैसा नहीं है.
चीमा ने प्रधानमंत्री पर पंजाब के प्रति “नफरत” रखने का आरोप लगाया, खासकर तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के किसानों की प्रमुख भूमिका के बाद. उन्होंने प्रधानमंत्री को 10-12 दिन की छुट्टी लेकर ध्यान करने की सलाह दी ताकि उनके मन से पंजाब के प्रति नफरत कम हो सके.
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा राज्य के मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया को कथित तौर पर अपमानित करने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार के प्रतिनिधियों की अवहेलना करके अपनी पार्टी के लोगों को प्राथमिकता देना सही नहीं है. चीमा ने प्रधानमंत्री के दौरे को “बाढ़ पर्यटन” करार देते हुए कहा कि जिस पंजाब ने देश की आजादी और खाद्य सुरक्षा में सबसे बड़ा योगदान दिया है, उसे ही नजरअंदाज कर दिया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि तालिबानी स्टेट अफगानिस्तान को भी सहायता राशि जारी की गई थी, लेकिन पंजाब को पर्याप्त मदद नहीं मिली.
चीमा ने कहा कि 1600 करोड़ रुपये की राशि बाढ़ प्रभावित लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी है, खासकर जब चार लाख एकड़ से ज्यादा फसल तबाह हो गई है और 51 लोगों की जान चली गई है.
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