मंडी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल प्रदेश दौरे के बीच, राज्य के दो प्रमुख अस्पतालों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। जिला मंडी में श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक और मेडिकल कॉलेज चंबा को बम से उड़ाने की धमकी वाली ई-मेल प्राप्त हुई है। इस धमकी के बाद प्रशासन ने एहतियातन दोनों अस्पतालों के पूरे परिसर को खाली करवा दिया है, जिससे मरीजों और कर्मचारियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल दौरे के बीच इस तरह की धमकी से सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं। नेरचौक में मेडिकल कॉलेज की ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) बंद कर दी गई है और आज के लिए सभी कक्षाएं भी निलंबित कर दी गई हैं।
नेरचौक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तड़के 3:30 बजे यह धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ। प्रबंधन ने सुबह 10:30 बजे एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी को इसकी सूचना दी, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। यह ईमेल तमिलनाडु से आया है, और यह उल्लेखनीय है कि इसमें नेरचौक मेडिकल कॉलेज का नाम नहीं है।
अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को भी बाहर निकाला गया। बम की धमकी के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, और मरीजों को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर अस्पताल भवन से दूर पेड़ की छाया में बैठाया गया। दमकल विभाग की टीमें भी मौके पर पहुंच गई हैं, और मंडी से क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीम) और बम निरोधक दस्ता भी पहुंच गया है। अस्पताल परिसर की गहन तलाशी की जा रही है।
सुबह ईमेल की जानकारी मिलते ही मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर को तुरंत खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। मंगलवार सुबह जब प्राचार्य डीके वर्मा कॉलेज पहुंचे तो उन्होंने अपनी ईमेल में धमकी भरी मेल देखी, जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना पुलिस और प्रशासन को दी।
नेरचौक मेडिकल कॉलेज का चार मंजिला भवन पूरी तरह से बंद है। इसकी तलाशी के लिए पुलिस, क्यूआरटी, दमकल विभाग के साथ-साथ अन्य जवान भी तैनात हैं और स्नीफर डॉग की मदद भी ली जा रही है। अस्पताल परिसर और पार्किंग में खड़े वाहनों को भी बाहर निकाल दिया गया है। मरीजों को भी तलाशी अभियान पूरा होने तक अस्पताल के बाहर ही रहना होगा।
नेरचौक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वर्तमान में 300 से अधिक मरीज उपचाराधीन हैं। इसके अलावा, यहां रोजाना एक हजार से अधिक ओपीडी रहती है। बम की धमकी के बीच मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी उपायुक्त कार्यालय मंडी सहित राज्य सचिवालय शिमला और विभिन्न जिलों के उपायुक्त कार्यालयों को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। उस समय कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी, और अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है।
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