चंडीगढ़। पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा और मुख्य सचिव के ए पी सिन्हा के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान विवाद हो गया। सूत्रों के अनुसार, अमन अरोड़ा के आधिकारिक वाहन को मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे मंत्री नाराज हो गए।
बताया गया है कि जब मंत्री मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे तो वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपनी कार बाहर खड़ी करने को कहा। अरोड़ा ने गार्डों से कहा कि वह एक मंत्री हैं, लेकिन गार्ड नहीं माने। इसके बाद अरोड़ा अपनी कार बाहर लगाकर गेट के अंदर चले गए। उन्होंने इस मामले को मुख्य सचिव के ए पी सिन्हा के समक्ष उठाया, जो पहले ही कैबिनेट की बैठक के लिए स्थल पर पहुंच चुके थे।
बैठक शुरू होते ही अमन अरोड़ा ने मुख्य सचिव से उनके वाहन के बारे में पूछा, तो मुख्य सचिव ने बताया कि वह सीएमआर (मुख्यमंत्री निवास) में है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरोड़ा की कार को अंदर नहीं जाने देने का मुद्दा गरमा गया। थोड़ी देर विवाद के बाद, सिन्हा के हस्तक्षेप के बाद ही उनके वाहन को अंदर जाने की अनुमति दी गई।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब अमन अरोड़ा को गुरदासपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए भी नियुक्त किया गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्वस्थ हैं।
यह पहली बार नहीं है जब अमन अरोड़ा सुर्खियों में आए हैं। पिछले साल भी उन्होंने तब सुर्खियां बटोरी थीं जब उन्होंने कहा था कि “एक हिंदू को भी मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, यह सिख बहुल पंजाब है और जाति आड़े नहीं आनी चाहिए।” इसके बाद मुख्यमंत्री मान ने कैबिनेट की बैठक में अपने सहयोगियों से कहा था कि अगर किसी को कुर्सी पर बैठने की महत्वाकांक्षा है तो वह पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। यह विवाद पंजाब सरकार के भीतर आंतरिक तनाव और प्रोटोकॉल से संबंधित मुद्दों को उजागर करता है।