Uttarakhand: पौड़ी आपदा पीड़ितों को धराली-थराली की तर्ज पर राहत पैकेज- मुख्यमंत्री धामी

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को घोषणा की कि पौड़ी जिले में 6 अगस्त को हुई आपदा के प्रभावितों को धराली और थराली की तर्ज पर ही राहत पैकेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस आपदा में जिन लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, मृतकों के परिजनों को भी सरकार की ओर से पांच-पांच लाख रुपये का आर्थिक सहयोग दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि इस सहायता राशि में से जो धनराशि एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष) के मानकों के तहत दी जाती है, वह एसडीआरएफ मद से प्रदान की जाएगी, जबकि शेष धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने प्रशासन को इस संबंध में जल्द कार्यवाही करते हुए आपदा प्रभावितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं, और कहा कि सरकार इस विपदा की घड़ी में प्रभावितों के साथ हर प्रकार के सहयोग के लिए खड़ी है।

यह घोषणा मंगलवार को आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान की गई। गौरतलब है कि 6 अगस्त को पौड़ी तहसील के अंतर्गत ग्राम सैंजी, पट्टी बाली कण्डारस्यूं और ग्राम रैदुल, पट्टी पैडुलस्यूं में अत्यधिक वर्षा के कारण भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ था। इसमें आवासीय भवनों और कृषि भूमि को व्यापक क्षति पहुंची थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया और उनके रहने, भोजन तथा अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने धराली, थराली, स्यानाचट्टी या पौड़ी, सभी जगह राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने और सराहनीय रिस्पांस टाइम के लिए उत्तरकाशी, चमोली तथा पौड़ी के जिलाधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने दोहराया कि आपदा प्रभावितों का बेहतर से बेहतर पुनर्वास किया जाएगा और सरकार के स्तर पर कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

धराली की तरह थराली व पौड़ी जाएगी विशेषज्ञों की टीम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थराली में 22 अगस्त को हुई आपदा के कारणों का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों के दल को थराली भेजने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि धराली की तरह ही थराली और पौड़ी में घटित आपदा का व्यापक सर्वेक्षण करते हुए यह पता लगाना जरूरी है कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं क्यों घटित हो रही हैं और इतना मलबा क्यों और कैसे पानी के साथ बहकर नीचे आ रहा है।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की, उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र, केन्द्रीय जल आयोग तथा सिंचाई विभाग के विशेषज्ञ जल्द ही थराली का दौरा करेंगे। अपर सचिव/अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप की ओर से मंगलवार को सभी संस्थानों को इस संबंध में पत्र भी भेज दिया गया है।

ये विशेषज्ञ नगर पंचायत थराली के राडीबगड में तहसील कार्यालय, तहसील के आवासीय परिसर, कोटडीप, थराली बाजार तथा चैपडों एवं सगवाडा में बाढ़, भूस्खलन के कारणों का अध्ययन करेंगे और न्यूनीकरण के उपाय सुझाएंगे। सभी संस्थानों से अपने संस्थान से एक-एक विषय विशेषज्ञ को नामित करते हुए जिलाधिकारी चमोली को तत्काल रिपोर्ट करने को कहा गया है।

 

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