देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘ड्रग्स फ्री उत्तराखंड’ अभियान को बृहद स्तर पर संचालित करने के लिए अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में धामी ने कहा कि राज्य को नशामुक्त बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर ठोस कार्ययोजना पर अमल करना होगा और अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मादक द्रव्य पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) के तहत दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने पर जोर दिया। उन्होंने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) को और अधिक सशक्त बनाने का निर्देश दिया, जिसमें आवश्यकतानुसार नए पदों का सृजन भी शामिल है। यह कदम नशे के कारोबार पर नकेल कसने और अवैध ड्रग्स की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
धामी ने राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन ‘मानस’ (1933) का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया, ताकि आमजन आसानी से इस पर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें और नशे से प्रभावित व्यक्तियों को मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि लोगों को इस हेल्पलाइन के बारे में जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे बिना किसी डर के जानकारी साझा कर सकें।
मुख्यमंत्री ने पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और अन्य संबंधित विभागों को मिलकर कार्यशालाओं का आयोजन करने और ‘ड्रग्स फ्री उत्तराखंड’ के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार कर उस पर प्रभावी ढंग से अमल करने का निर्देश दिया। यह अंतर-विभागीय समन्वय अभियान को अधिक प्रभावी बनाएगा और नशामुक्ति के लिए एक समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगा।
विशेष रूप से, मुख्यमंत्री ने राज्य की सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बाहरी राज्यों से ड्रग्स की सप्लाई किसी भी कीमत पर उत्तराखंड में न हो पाए। ड्रग्स की तस्करी में संलिप्त पाए जाने वाले दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि ऐसे असामाजिक तत्वों को कड़ी सजा मिल सके और वे दूसरों को नशे के जाल में न फंसा पाएं।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम चलाकर युवाओं को नशे से दूर रखने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पुलिस को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने और ‘ड्रिंक एंड ड्राइव’ (शराब पीकर गाड़ी चलाने) के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और कानून व्यवस्था बनी रहे।
इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आह्वान किया है और इस दिशा में प्रदेश में स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसके लिए शहरी विकास विभाग को नोडल विभाग के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन, ए.पी. अंशुमान, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते तथा अपर सचिव बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक ‘ड्रग्स फ्री उत्तराखंड’ के संकल्प को मजबूत करने और राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।