शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अभी भी लोगों को 125 यूनिट बिजली नि:शुल्क दे रही है और इसे बंद नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली क्षेत्र में सुधार की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने लोगों से स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया था, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में 12 से 15 हजार लोगों ने यह सब्सिडी छोड़ी है। इससे बिजली बोर्ड को 59 लाख रुपये का लाभ हुआ है।
मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि भविष्य में आर्थिक समर्थता पर 300 यूनिट बिजली नि:शुल्क देने पर भी विचार किया जाएगा। यह बात उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान विधायक सुधीर शर्मा और केवल सिंह पठानिया के संयुक्त सवाल का जवाब देते हुए कही। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने भी यह सब्सिडी छोड़ दी है और विपक्ष से भी इसमें योगदान करने की अपील की ताकि एक अच्छा संदेश जाए।
कैबिनेट रैंक नेताओं के बिजली बिल और स्मार्ट मीटर विवाद
मुख्यमंत्री ने मूल सवाल का जवाब देते हुए बताया कि गत वर्ष से 20 फरवरी 2025 तक कैबिनेट रैंक प्राप्त नेताओं के बिजली बिलों पर सरकार द्वारा 17,95,879 रुपये का व्यय किया जा चुका है।
स्मार्ट बिजली मीटर के मुद्दे पर विधायक सुधीर शर्मा ने सवाल उठाया कि क्या सरकार ने ऐसे कंपनी का चयन किया है, जिन्हें अन्य राज्यों में ब्लैकलिस्ट किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का कार्य जिन कंपनियों को सौंपा गया है, यदि वे अन्य राज्यों में ब्लैक लिस्टेड हैं, तो इसकी जांच की जाएगी।
विधायक केवल सिंह पठानिया ने एक चौंकाने वाला मुद्दा उठाया कि कई बीपीएल परिवार ऐसे हैं, जिनके नाम पर 79 तक बिजली मीटर लगे हैं और वे सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ उद्योगों ने भी कई मीटर लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि बीपीएल के एक व्यक्ति के नाम पर 79 मीटर, एक पर 75 और एक पर 70 मीटर लगे होने की जानकारी मिली है।
बिल काटने वालों के रोजगार पर आश्वासन
विधायक डॉ. हंसराज ने चिंता व्यक्त की कि जब सरकार स्मार्ट बिजली मीटर लगाएगी तो क्या बिजली बिल काटने वाले युवाओं की नौकरी चली जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार किसी का रोजगार वापस नहीं लेगी और इन कर्मचारियों को ‘युक्तीकरण’ के तहत अन्य कार्यों में लगाया जाएगा।
स्मार्ट मीटर रोलआउट की स्थिति
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट मीटर लगाने की प्रगति पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक आईपीडीएस (Integrated Power Development Scheme) तथा आरडीएसएस (Revamped Distribution Sector Scheme) योजनाओं के तहत कुल 6,52,955 स्मार्ट मीटर शिमला शहर, धर्मशाला शहर तथा शिमला जोन के तहत आने वाले कुछ क्षेत्रों में लगाए जा चुके हैं। शिमला जोन के अंतर्गत बाकी बचे क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य फरवरी, 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जबकि मंडी, हमीरपुर तथा धर्मशाला जोन के अंतर्गत सिस्टम मीटर तथा प्रायोरिटी कंज्यूमर के लिए 5,05,078 स्मार्ट मीटर लगाने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा, 14,78,945 स्मार्ट कंज्यूमर मीटर लगाने के कार्य को राज्य बिजली बोर्ड की बीओडी (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) ने स्वीकृति दे दी है।
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