US: अलास्का में पुतिन-ट्रंप वार्ता बेनतीजा, यूक्रेन युद्ध पर असमंजस कायम – The Hill News

US: अलास्का में पुतिन-ट्रंप वार्ता बेनतीजा, यूक्रेन युद्ध पर असमंजस कायम

वाशिंगटन। अमेरिका के एंकरेज शहर में स्थित एलमेंडोर्फ-रिचर्डसन सैन्य अड्डे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच भारतीय समयानुसार शनिवार रात एक बजे शुरू हुई वार्ता लगभग ढाई घंटे से अधिक समय तक चली और बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहला ऐतिहासिक मौका था जब किसी रूसी नेता ने अमेरिकी सैन्य अड्डे का दौरा किया।

बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी बातचीत “काफी अच्छी” रही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैठक में यूक्रेन में शांति स्थापित करने पर बात हुई है और रूस की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है। पुतिन ने यह भी दोहराया कि यदि डोनाल्ड ट्रंप वर्ष 2022 में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन में संघर्ष शुरू नहीं होता। उन्होंने ट्रंप को उनके सहयोग और “दोस्ताना बातचीत” के लिए धन्यवाद दिया। पुतिन ने यूक्रेन युद्ध की “अहम वजहों” को खत्म करने की बात कही ताकि एक स्थायी समझौता हो सके, हालांकि उन्होंने इन वजहों को स्पष्ट नहीं किया। पुतिन ने अमेरिका और रूस को “बहुत करीब के पड़ोसी” बताया, जिनके बीच मात्र 4 किलोमीटर की दूरी है, और अलास्का के इतिहास को याद करते हुए साझा विरासत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “टकराव छोड़कर बातचीत करने का समय आ गया है” और अगली मुलाकात मॉस्को में करने का सुझाव दिया।

वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकार किया कि “कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी।” उन्होंने कहा कि पुतिन के साथ उनके “शानदार” रिश्ते रहे हैं, लेकिन “रूस संबंधी धोखाधड़ी” के कारण इसमें बाधा आई है। ट्रंप ने वार्ता को “सार्थक” बताया और कहा कि वह जल्द ही नाटो और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की सहित अन्य नेताओं से संपर्क कर उन्हें जानकारी देंगे। उन्होंने टैरिफ पर विचार करने की बात कही और चेतावनी दी कि यदि अलास्का शिखर सम्मेलन विफल रहा और युद्ध जारी रहा तो रूस को “गंभीर आर्थिक परिणाम” झेलने होंगे। ट्रंप ने पुतिन को एक “स्मार्ट व्यक्ति” बताया और दोनों के बीच “सम्मानजनक रिश्ते” पर जोर दिया।

इस मुलाकात के दौरान, ट्रंप ने पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके विमानों के हवाई अड्डे पर उतरने के बाद, ट्रंप ने पुतिन को देखकर ताली बजाई और गर्मजोशी से हाथ मिलाया। इस दौरान दोनों नेताओं ने हंसते हुए कुछ देर बात की, जिसके बाद वे एक ही कार में बैठकर बैठक स्थल पर पहुंचे। हालांकि, इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को आमंत्रित नहीं किया गया था। ज़ेलेंस्की ने शांति समझौते के लिए अपनी ज़मीन रूस को न देने की शर्त रखी है और युद्धविराम के बाद अमेरिका और यूरोप से सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं। यूक्रेन का लगभग 20 प्रतिशत भूभाग इस समय रूस के कब्जे में है, जिसे वह छोड़ने को तैयार नहीं है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने इस बैठक को पुतिन की “जीत” बताया। बोल्टन के अनुसार, ट्रंप को इस मीटिंग से कुछ ज्यादा हासिल नहीं हुआ, जबकि पुतिन संबंधों को फिर से स्थापित करने, प्रतिबंधों से बचने और युद्धविराम का सामना न करने में काफी प्रगति कर गए। उन्होंने यह भी बताया कि अगली बैठक अभी तय नहीं है और यूक्रेनी राष्ट्रपति को इस बारे में पहले कुछ नहीं बताया गया था।

अलास्का में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, क्योंकि यह पहली बार था कि किसी रूसी नेता ने अमेरिकी सैन्य अड्डे का दौरा किया। एंकरेज के सारे होटल बुक कर लिए गए थे और वाहनों के आवागमन तथा घरेलू विमानों की उड़ान के कार्यक्रम में बदलाव किया गया था। इस वार्ता में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के अतिरिक्त दो-दो सलाहकार भी भाग ले रहे थे, जिनमें रूसी प्रतिनिधिमंडल में सर्गेई लावरोव, आंद्रेई बेलौसोव, एंटोन सिलुआनोव, किरिल दिमित्रिएव और यूरी उशाकोव शामिल थे, जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में मार्को रुबियो, स्टीव विटकॉफ, हॉवर्ड लुटनिक, जॉन रैटक्लिफ और स्कॉट बेसेंट मौजूद थे। कुल मिलाकर, अलास्का वार्ता ने दोनों देशों के बीच तनाव को पूरी तरह से हल करने में सफलता नहीं पाई, लेकिन भविष्य में बातचीत के रास्ते खुले रखे हैं।

 

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