Delhi: SIR पर संग्राम- दिल्ली की सड़कों पर उतरा विपक्ष, राहुल-प्रियंका हिरासत में

नई दिल्ली।

बिहार में चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ शुरू हुआ विरोध अब राजधानी दिल्ली की सड़कों पर आ गया है। संसद के मानसून सत्र के बीच, इंडी गठबंधन के कई दिग्गज नेताओं ने ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए संसद से चुनाव आयोग के दफ्तर तक एक विशाल विरोध मार्च निकाला। इस मार्च के दौरान भारी हंगामा और नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जिसके चलते पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया।

क्यों सड़कों पर उतरा विपक्ष?

विपक्ष के इस जोरदार प्रदर्शन का मुख्य कारण बिहार में चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस प्रक्रिया की आड़ में मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर लोगों के नाम गलत तरीके से काटे जा रहे हैं। इंडी गठबंधन ने इसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ‘वोट चोरी’ की एक बड़ी साजिश करार दिया है और प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता की मांग की है। विपक्ष का मानना है कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास है, जिसके खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है।

मार्च में भारी हंगामा और गिरफ्तारी

सोमवार को इंडी गठबंधन के सांसद और नेता संसद के मकर द्वार पर एकत्रित हुए और चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर कूच किया। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी व सांसद डिंपल यादव समेत गठबंधन के कई वरिष्ठ नेता और सांसद शामिल हुए।

मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे और रास्ते में कई जगहों पर मजबूत बैरिकेडिंग लगाई गई थी। जब पुलिस ने मार्च को रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति बन गई। इसी दौरान, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और बस में बिठाकर ले गई। वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पुलिस की बैरिकेडिंग फांदकर आगे बढ़ते हुए दिखाई दिए, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

संसद से चुनाव आयोग तक का मार्च

यह विरोध मार्च संसद के मकर द्वार से शुरू होकर करीब डेढ़ किलोमीटर दूर पंडित पंत मार्ग पर स्थित निर्वाचन सदन (चुनाव आयोग मुख्यालय) तक जाना था। विपक्ष के नेता कर्तव्य पथ और रायसीना रोड से होते हुए आयोग के दफ्तर पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया।

इस मार्च ने बिहार के SIR विवाद को राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा मुद्दा बना दिया है। जहां एक ओर विपक्ष चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली की सड़कों पर हुए इस हंगामे ने सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे टकराव को और गहरा कर दिया है। यह घटना दिखाती है कि 2024 के आम चुनावों से पहले चुनावी सुधार और आयोग की भूमिका को लेकर राजनीतिक घमासान और तेज हो सकता है।

 

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