देहरादून/पौड़ी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को पौड़ी जनपद के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने सैंजी गांव का स्थलीय निरीक्षण किया और थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा सहित अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे भी किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया और जिलाधिकारी को राहत कार्यों में कोई कमी न रखने के सख्त निर्देश दिए।
क्षतिग्रस्त रास्तों से गुजरकर प्रभावितों तक पहुंचे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने नौठा में बुराँसी के ग्रामीणों से मुलाकात की और पांच प्रभावितों को राहत राशि के चेक भी सौंपे। इसके बाद वे सैंजी गांव में क्षतिग्रस्त रास्तों से गुजरते हुए आपदा प्रभावित परिवारों के घर-घर पहुंचे, उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा, “आपदा की इस घड़ी में कोई भी खुद को अकेला न समझे, पूरा राज्य पीड़ितों के साथ खड़ा है।” प्रभावित परिवारों ने भी त्वरित गति से राहत कार्य शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
पुनर्वास और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को प्रभावितों के त्वरित पुनर्वास और विस्थापन की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना है। उन्होंने राहत केंद्रों में बिजली, पानी, शौचालय, दवाई और राशन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से हुई क्षति का सटीक आकलन करवाने और भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए वाडिया इंस्टीट्यूट की मदद लेने के भी निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष जोर
स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने गांवों में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल मेडिकल यूनिट्स तैनात करने को कहा, ताकि बीमार, वृद्धजनों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समय पर उपचार मिल सके। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाइयों, प्राथमिक उपचार किट और मेडिकल स्टाफ की हर समय उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
इस मौके पर मौजूद कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने पुनर्वास के लिए एक समिति बनाने का सुझाव दिया और कहा कि जिन लोगों के दुकानों और मकानों को क्षति पहुंची है, उनके लिए प्राथमिकता से प्रयास किए जाएं। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रभावित परिवारों की सूची तैयार कर ली गई है और राहत सामग्री व धनराशि का वितरण किया जा रहा है, और प्रशासन की टीम हर गांव तक पहुंच रही है।
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