देहरादून। उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य और नागरिक प्रशासन के बीच समन्वय को और मजबूत करने तथा विकास कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके कैंप कार्यालय में भारतीय सेना की मध्य कमान के प्रमुख (जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने शिष्टाचार भेंट की, जिसमें इन विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने भारतीय सेना की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सेना न केवल देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि नागरिक समाज के साथ मिलकर विकासात्मक कार्यों में भी सक्रिय योगदान दे रही है। उन्होंने विशेष रूप से उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्य में सेना द्वारा स्थानीय समुदायों के लिए किए जा रहे सामाजिक कार्यों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं के समय सेना द्वारा प्रदान किए जाने वाले सराहनीय राहत एवं बचाव कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने सेना को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उनकी सभी महत्वपूर्ण पहलों में पूर्ण सहयोग प्रदान करती रहेगी।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने मुख्यमंत्री को मध्य कमान द्वारा सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ सामाजिक विकास के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने, युवाओं के साथ संवाद स्थापित करने और अग्रिम क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने जैसी महत्वपूर्ण पहलों के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
यह बैठक राज्य के दूरस्थ और सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए सैन्य और नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव दीपेंद्र चौधरी, विनोद कुमार सुमन और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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