नई दिल्ली।
रूस के सुदूर पूर्वी कामचटका प्रायद्वीप में आए एक शक्तिशाली भूकंप ने प्रशांत महासागर में सुनामी का गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। इस भूकंप के बाद दर्जनों देशों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है, जिससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। जानकारी के अनुसार, सुनामी की पहली लहरें रूस और जापान के कुछ तटों से टकरा भी चुकी हैं, जिसके बाद कई देशों ने अपने तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि सुनामी की लहरों की ऊंचाई चार मीटर तक पहुँच सकती है, जो तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही मचाने में सक्षम हैं। सुनामी की चेतावनी जारी करने वाली एजेंसियों के अनुसार, लहरें पहले ही रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के कुछ हिस्सों तक पहुँच चुकी हैं। इस घटना के बाद प्रशांत महासागर के किनारे बसे देशों की सरकारें और आपदा प्रबंधन एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
किन देशों पर है सबसे ज़्यादा ख़तरा?
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सुनामी का सबसे अधिक खतरा रूस, इक्वाडोर और उत्तर-पश्चिमी हवाई द्वीपों पर है, जहाँ लहरों की ऊंचाई 3 मीटर से भी अधिक हो सकती है। इन क्षेत्रों में प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से सुरक्षा उपाय लागू करने शुरू कर दिए हैं और लोगों को तटों से दूर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
इसके अलावा, 1 से 3 मीटर तक की खतरनाक लहरों का सामना चिली, कोस्टा रिका, जापान, हवाई, पेरू, समोआ और सोलोमन द्वीप जैसे कई देशों को करना पड़ सकता है। इन देशों में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और तटीय निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
व्यापक है सुनामी का असर
सुनामी का प्रभाव केवल कुछ देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर प्रशांत महासागर के एक बहुत बड़े हिस्से पर पड़ने की आशंका है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, मैक्सिको, फिलीपींस, कोलंबिया और यहाँ तक कि अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भी 0.3 से 1 मीटर ऊंची लहरें उठने की संभावना है।
वहीं, चीन, वियतनाम, मलेशिया, उत्तर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहने का अनुमान है, जहाँ लहरें 0.3 मीटर से नीचे रह सकती हैं। हालांकि, इन देशों ने भी एहतियात के तौर पर चेतावनी जारी की है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है।
इस प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर, सभी प्रभावित देशों में आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय हो गई हैं। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आने वाले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। यह सभी आंकड़े प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की रिपोर्टों के आधार पर संकलित किए गए हैं।
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