Himachal: कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार, नाइट लैंडिंग और नए हेलीपोर्ट: सीएम सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री से की त्वरित कार्रवाई की मांग

उप-हेडिंग: मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर विशेष केंद्रीय सहायता का किया आग्रह, व्यवहार्यता रिपोर्ट की समीक्षा पर भी दिया जोर

शिमला।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से हिमाचल प्रदेश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में नई दिल्ली में हुई अपनी मुलाकात की अनुपालना में यह पत्र लिखा है।

कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए मांगी केंद्रीय मदद

पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांगड़ा हवाई अड्डे के प्रस्तावित विस्तार के लिए राज्य को लगभग 150 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना है। राज्य सरकार ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है और 1900 करोड़ रुपये से अधिक के अवार्ड तैयार हैं, जिनमें से 410 करोड़ रुपये वितरित भी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण के लिए निर्धारित एक वर्ष की वैधानिक अवधि इस साल अगस्त में समाप्त हो रही है। इसे देखते हुए उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस परियोजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता हेतु वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से सिफारिश करने का आग्रह किया है।

श्री सुक्खू ने यह भी लिखा है कि मैसर्स वैपकोस लिमिटेड द्वारा तैयार कांगड़ा हवाई अड्डे की तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट की भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा समीक्षा की जानी चाहिए ताकि लागत का यथार्थवादी मूल्यांकन हो सके, क्योंकि मौजूदा रिपोर्ट में लागत बहुत अधिक दर्शाई गई है। उन्होंने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए एएआई, हिमाचल प्रदेश सरकार और निजी भागीदार के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते की संभावना तलाशने का भी आग्रह किया।

उड़ान संचालन को सुगम बनाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डा वर्तमान में विजुअल फ्लाइट रूल्स (वीएफआर) के तहत संचालित होता है, जिसके लिए उड़ान संचालन के लिए न्यूनतम 5 किलोमीटर की दृश्यता की आवश्यकता होती है। उन्होंने विशेष वीएफआर संचालन शुरू करने का प्रावधान करने का आग्रह किया ताकि न्यूनतम दृश्यता मानदंड को मौजूदा 5 किलोमीटर से घटाकर 2.5 किलोमीटर किया जा सके, जिससे कम दृश्यता की स्थिति में भी उड़ानों का संचालन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डा प्रदेश का सबसे बड़ा और व्यस्तम हवाई अड्डा है, इसलिए इसे रात्रि लैंडिंग सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए।

शिमला और कुल्लू हवाई अड्डों के लिए मांगें

मुख्यमंत्री ने कांगड़ा हवाई अड्डे की तर्ज पर कुल्लू और शिमला हवाई अड्डों पर सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के स्थान पर हिमाचल प्रदेश राज्य पुलिस को तैनात करने को कहा। उन्होंने शिमला हवाई अड्डे पर उड़ानों के संचालन के समय को दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक बढ़ाने का भी आग्रह किया ताकि उड़ानों के संचालन के लिए एक बड़ा विंडो मिल सके। उन्होंने शिमला हवाई अड्डे पर एटीआर 42/600 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त दूसरा एप्रन प्रदान करने का अनुरोध किया, जिससे उड़ान संचालन में वृद्धि होगी। उन्होंने एलायंस एयर लिमिटेड द्वारा शिमला-धर्मशाला-शिमला सेक्टर पर दैनिक उड़ानें फिर से शुरू करने को भी कहा।

हेलीपोर्ट नेटवर्क को मजबूत करने का आग्रह

मुख्यमंत्री ने अक्टूबर 2025 तक संजौली, रामपुर, बद्दी और कांगणीधार हेलीपोर्ट के लिए परिचालन प्राधिकरण प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आरसीएस उड़ान चरण-2 के तहत हमीरपुर के जसकोट, कांगड़ा के देहरा और ऊना व बिलासपुर जिलों में एक-एक, कुल चार अतिरिक्त हेलीपोर्ट स्वीकृत किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि मैसर्स हेरिटेज एविएशन, मैसर्स ग्लोबल वेक्ट्रा और मैसर्स पवन हंस लिमिटेड जैसे एयर ऑपरेटरों को आरसीएस उड़ान के तहत अपने मार्गों पर परिचालन शुरू करने का निर्देश दिया जाए ताकि राज्य में हवाई संपर्क को और मजबूती मिल सके।

 

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