चंडीगढ़। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन के ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए एडवाइजर के पद को समाप्त कर दिया है और उसकी जगह चीफ सेक्रेटरी का पद बनाया है. इस संबंध में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है.
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन में IAS अधिकारियों की संख्या भी बढ़ा दी है. पहले स्वीकृत 9 IAS पदों के अलावा 2 नए पद जोड़े गए हैं, जिससे कुल स्वीकृत पदों की संख्या 11 हो गई है.
नए पद:
नए बनाए गए दो पदों में सेक्रेटरी अर्बन प्लानिंग एंड स्मार्ट सिटी और एक्साइज कमिश्नर शामिल हैं. चंडीगढ़ में एडवाइजर के पद को चीफ सेक्रेटरी में बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी.
यूटी कैडर का दबदबा:
चंडीगढ़ प्रशासन में यूटी कैडर के अधिकारियों का दबदबा बढ़ रहा है. उम्मीद है कि नए बनाए गए पदों पर भी केंद्र सरकार द्वारा ही नियुक्तियां की जाएंगी. इस बदलाव को भविष्य में होने वाले बड़े प्रशासनिक बदलावों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
पंजाब और हरियाणा पर प्रभाव:
इस बदलाव का पंजाब और हरियाणा से प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों पर भी असर पड़ सकता है. भाजपा नेता कैलाश चंद जैन ने इस फैसले का स्वागत किया है, जबकि वकील अजय जग्गा ने इसे चंडीगढ़ के लिए एक अच्छा फैसला बताया है.
विशेषज्ञों की राय:
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, एडवाइजर के पद को चीफ सेक्रेटरी में बदलने से फिलहाल प्रशासनिक ढांचे में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा. लेकिन, केंद्र सरकार भविष्य में नए पदों पर यूटी कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति कर सकती है. इस अधिसूचना के बाद प्रशासनिक गलियारों में हलचल मची हुई है.
फिलहाल, वर्तमान एडवाइजर ही चीफ सेक्रेटरी के पद पर बने रहेंगे. चंडीगढ़ प्रशासन में 3 जून 1984 को पहली बार एडवाइजर के पद पर IAS अधिकारी के. बैनर्जी की नियुक्ति हुई थी. तब से अब तक 20 IAS अधिकारी इस पद पर रह चुके हैं, जिनमें से केवल दो महिलाएं थीं.
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