हिमाचल प्रदेश सरकार बुधवार को 1.80 लाख पेंशनरों को पेंशन देगी, लेकिन पेंशनर इस फैसले से नाराज हैं क्योंकि पेंशन देने की तारीख पहले की तुलना में आगे बढ़ा दी गई है।
मुख्य बिंदु:
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पेंशन 9 तारीख को: सरकार ने 9 तारीख को पेंशन देने का फैसला लिया है, जबकि पहले 10 तारीख को पेंशन दी जाती थी।
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पेंशनरों की नाराजगी: हिमाचल प्रदेश पेंशनर कल्याण संघ के अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा के नेतृत्व में पेंशनरों ने पेंशन पहली तारीख को देने और संशोधित वेतनमान के एरियर का भुगतान शीघ्र करने की मांग की है।
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सरकार पर आरोप: पेंशनर संघ का आरोप है कि सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों के बीच लड़ाई करवाना चाहती है, इसलिए कर्मचारियों को वेतन पहली तारीख को और पेंशन 9 तारीख को देने का फैसला लिया गया है।
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वित्तीय आपातकाल की मांग: पेंशनर संघ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगा और प्रदेश में वित्तीय आपातकाल लगाए जाने की मांग करेगा।
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मासिक खर्च: प्रदेश सरकार को वेतन और पेंशन का भुगतान करने के लिए हर महीने 2000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है।
पेंशनरों की नाराजगी का कारण:
पेंशनरों का कहना है कि सरकार द्वारा पेंशन देने की तारीख आगे बढ़ाने से उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। उनका यह भी कहना है कि सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है
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