दबंग हरक भाजपा के दांव से चारो खाने चित्त – The Hill News

दबंग हरक भाजपा के दांव से चारो खाने चित्त

देहरादून। हरक सिंह रावत हर विधानसभा चुनाव से पहले कोई न कोई सियासी ड्रामा रचते हैं, यह उनकी फितरत है। भाजपा ने इस बार उनके ड्रामे से पहले उनका पार्टी से पत्ता काटकर मंसूबों पर पानी फेर दिया। कोटद्वार से दिख रही हार के चलते वह भाजपा में अपनी सीट बदलवाने का दबाव बनाते दिखे, साथ ही कांग्रेस से मोल भाव में लग गए। आखिरी कैबिनेट बैठक में मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की धमकी दी, इसके बाद सीएम पुष्कर धामी के साथ गलबहियां कर अपने गिले शिकवे दूर होने की बात कहते दिखे। भाजपा के कोटद्वार से सीट नहीं बदले के बीच हरक कांग्रेस में धमाकेदार एंट्री की रणनीति बना रहे थे कि इसी बीच भाजपा ने उनको मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब हरक कांग्रेस हाईकमान के रहमोकरम पर अपनी राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे।
 
कोटद्वार से पलायन की एक वर्ष से लिख रहे थे पटकथा 
हरक सिंह रावत कांग्रेस में जाने या फिर भाजपा पर दबाव बनाकर सीट बदलवाने की चाल एक वर्ष से चल रहे थे। सीट बदल जाती तो भाजपा में रहते नहीं बदली जाती तो कांग्रेस में भाग जाते। इसके लिए उन्होंने कोटद्वार में विकास नहीं होने को आधार बनाकर कई बार सरकार से नाराजगी जताई। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ तो उन्होंने मोर्चा खोल दिया था। हरक लालडांग मोटर मार्ग से लेकर कोटद्वार मेडिकल कालेज का मुद्दा उठाकर सहानुभूति हासिल करने की कोशिश में लगे रहे। इस बीच उन्होंने कांग्रेस के नेता प्रीतम सिंह से दोस्ती बढ़ा दी। हरक सिंह रावत ने एक साल पहले चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी, लेकिन जब उनपर दबाव बना तो वह कहने लगे कि पार्टी जो फैसला करेगी वहीं करेंगे। 
 
हरक के दबाव में नहीं आई भाजपा 
हरक सिंह ने भाजपा को साफ कर दिया था कि उनका कोटद्वार से टिकट बदला जाए। उनकी पहली पसंद लैंसडाउन था, जिसे पहले अपने लिए फिर बहू अनुकृति के लिए मांगने लगे। लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत के मोर्चा खोलने के बाद भाजपा ने हरक को साफ कर दिया कि उनको लैंसडाउन से टिकट नहीं मिलेगा। इसके बाद हरक ने केदारनाथ, डोईवाला और यमकेश्वर का रुख कर दिया, लेकिन पार्टी ने साफ कर दिया कि जहां पार्टी चाहेगी वहीं से वह चुनाव लड़ेंगे। 
 
मंत्रिमंडल से इस्तीफे की धमकी भी थी चाल
भाजपा आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने मंत्रिमंंडल से इस्तीफे की धमकी दे डाली। कैबिनेट बैठक में ही उन्होंने कोटद्वार मेडिकल कालेज का निर्माण नहीं होने को आधार बनाते हुए यह चेतावनी दी कि वह मंत्रिमंडल छोड़ रहे हैं। सीएम पुष्कर ने तुरंत उनको मनाते हुए 25 करोड़ रुपये मेडिकल कालेज के लिए जारी कर दिये। इसके बाद भी हरक कोटद्वार छोड़ने पर अड़े रहे। 
 
पुख्ता सबूत जुटा कर हरक को कहा गुडबाय
हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में दो टिकटों के लिए मोल भाव पहले ही शुरू कर दिया था, लेकिन बात बन नहीं पा रही थी। तीन दिन पहले कांग्रेस की टिकट आवंटन को लेकर हुई कोर कमेटी की बैठक में भी हरक गायब रहे। भाजपा को इस बात का पता चल गया कि हरक बैठक छोड़कर दिल्ली में कांग्रेस नेतृ्त्व से मिलकर मोलभाव कर रहे हैं। यह दांव उनके लिए भारी पड़ गया और पार्टी ने उनके इस्तीफे से पहले उन्हें बर्खास्त कर दिया। 
 
 
 
 
 
 
 

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