देवभूमि उत्तराखंड आज पूरे 22 साल का हो चुका है अपने इस खास मौके पर आज पूरे उत्तराखंड में जश्न का माहौल है, बीते 22 सालों में उत्तराखंड राज्य ने जो भी हासिल किया लोग उन उपलब्धियों के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन हम आपके लिए कुछ नया लेकर आए है जी हां इस खास अवसर पर हम आपको उत्तराखंड के
बारे में 10 ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो शायद आप ने नहीं सुनी होगी।
पहला भारत की दूसरी सबसे ऊंची उत्तराखंड में मौजूद है , जी हां उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल जिले में स्थित नंदा देवी चोटी भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है, जो समुद्र तल से 7816 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है।
दूसरा केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की योग राजधानी उत्तऱाखंड में स्थित, उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश को पूरे विश्व की योग राजधानी कहा जाता है ।
भारत की सबसे प्रतिष्ठित नदियों में से दो यानी गंगा और यमुना भी देवभूमि उत्तराखंड से ही निकलती हैं। गंगा नदी जहां गंगोत्री से निकलती है, यमुना हिमालय में यमुनोत्री से निकलती है।
आप शायद नहीं जानते होगें कि भारत में सबसे पहले परमवीर चक्र पाने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा का जन्म भी उत्तराखंड में ही हुआ था, इतना ही नहीं भारत के लिए पहले व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाने वाले अभिनव विन्द्र भी उत्तराखंड से ही है।
जानना ये भी जरुरी है कि भारत का सबसे पुराना नेशनल पार्क जिम कार्बेट नेशनल पार्क भी उत्तराखंड में स्थित है , जिम कार्बेट नेशनल पार्क उत्तऱाखंड के के नैनीताल जिले में है।
इन सब से अलग एक रोचक बात यह भी है कि दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर भी उत्तराखंड में ही स्थित है जी हां उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊचा शिव मंदिर है ना सिर्फ ऊचा बल्कि प्राचीनता में भी इस मंदिर को एक अलग स्थान हासिल है कहते है कि ये मंदिर एक हजार साल से अधिक पुराना है ।
इसके अलावा ये बात भी उत्तराखंड राज्य को खास बनाती है कि भारत के प्रसिद्ध पांच प्रयाग यानी नदियों के संगम का स्थान देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, रुद्रप्रयाग और विष्णुप्रयाग भी उत्तराखंड में है
आप शायद इस बात ये अनजान होंगे की भारत का सबसे बड़ा डैम टिहरी उत्तराखंड में है।
आपको जानकर गर्व होगा देश की पहेली आई.टी. हिंदी प्रयोगशाला उत्तराखंड के देहरादून में है, ना सिर्फ प्रयोगशाला बल्कि भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय भी उत्तराखंड में स्थित है ।
पर्यावरण रक्षा के लिए उत्तराखंड की एक अहम भागीदारी रही है बता दे कि पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन चलाया गया था खास बात ये है कि चिपको आंदोलन अब तक के दुनिया के बड़े आदोलनों में से एक रहा है , इस आंदोलन के जरिए उत्तऱाखंड के महिलाओं ने पेड़ो के चिपकर हजारों पड़ो को कटने से बचाया था ।