यूक्रेन और रूस में युद्ध की पैदा हुई आशंका को देखते हुए अब दुनिया की नजर अब एशिया के रुख पर है। विश्व की दो महाशक्तियां रूस व अमेरिका भारत के अगले कदम का इंतजार कर रही हैं। अमेरिका चाहता है कि, यूक्रेन मसले पर भारत उसके पक्ष में खड़ा हो, लेकिन रूस ने भारत को अपनी पुरानी दोस्ती का हवाला दिया है।
दरअसल, यूक्रेन मसले पर आक्रामक हो चुका रूस इन दिनों कई बड़े आर्थिक व व्यवसायिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। पश्चिमी देश उस पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगा रहे हैं। इस बीच रूस ने भारत से साथ देने की अपील की है। दिल्ली स्थिति रूसी दूतावास ने बुधवार काे जारी एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफ में कहा कि, ‘हमें उम्मीद है कि हमारी साझेदारी उसी स्तर पर आगे भी जारी रहेगी, जैसी की वर्तमान में है। विशेष रूप से दिसंबर 2021 में हाल के रूसी-भारतीय द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के परिणामों पर एक नज़र डाली जाए। हमनें रक्षा क्षेत्र में 10 साल के सहयोग कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए हैं। हमारे पास एक बड़ी पाइपलाइन योजना है। हमें पूरा विश्वास है कि सभी योजनाएं सफलतापूर्वक लागू होंगी।’
अमेरिका की चिंता
यूक्रेन मसले पर भारत के रुख ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के बयान पर अमेरिका हैरान है। उधर, अमेरिकी मैगजीन इंटरनेशनल अफेयर्स ने भारत के इस रुख पर चिंता जाहिर की है। आर्टिकल में कहा गया है कि, एक तरफ यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई की निंदा हो रही है, तो भारत इस मसले पर चुप है।