चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने राज्य में कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को विभाग के अधिकारियों के लिए एक बड़ा और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब को अगले साल तक लिंग अनुपात में सुधार करते हुए राष्ट्रीय औसत से भी आगे निकलना होगा।
गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग का आदेश
चंडीगढ़ में पीसी-पीएनडीटी (गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक) अधिनियम पर आयोजित एक राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने सिविल सर्जनों से लेकर जमीनी स्तर पर काम करने वाली आशा वर्कर तक सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्क रहने को कहा। डॉ. बलबीर सिंह ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे प्रत्येक गर्भवती महिला की सक्रिय ट्रैकिंग सुनिश्चित करें और गर्भधारण की निरंतर निगरानी करें। उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा कि एक बच्ची की कोख में हत्या करने से घिनौना और बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता।
कानून का उल्लंघन करने पर होगी जेल
कानून की सख्ती पर बात करते हुए मंत्री ने याद दिलाया कि पीसी-पीएनडीटी अधिनियम का उद्देश्य लिंग जांच के लिए चिकित्सा तकनीक के दुरुपयोग को रोकना है। उन्होंने साफ किया कि न तो कोई व्यक्ति अजन्मे बच्चे के लिंग के बारे में पूछ सकता है और न ही कोई डॉक्टर या क्लीनिक इसका खुलासा कर सकता है। ऐसा करना एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए जेल की सजा और मेडिकल लाइसेंस रद्द करने जैसे सख्त प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि कानून तभी पूरी तरह प्रभावी होगा जब समाज इसके समर्थन में खड़ा होगा।
आंकड़ों में दिखा सुधार
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई सख्ती, छापेमारी और जागरूकता अभियानों के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में जन्म के समय लिंग अनुपात 906 (प्रति 1000 पुरुष) था, जो 2023 में सुधरकर 922 और 2024 में 921 हो गया है। यह 16 अंकों का सुधार यह दर्शाता है कि राज्य सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी नजर
निगरानी तंत्र की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि पंजाब में इस समय 2,092 पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्र हैं। वर्ष 2025-26 के दौरान इन केंद्रों का 2,703 बार निरीक्षण किया गया। जिन 13 केंद्रों में कमियां पाई गईं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि नियमों का उल्लंघन करने वाले केंद्रों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बेटियां हैं समाज का सम्मान
डॉ. बलबीर सिंह ने सामाजिक बदलाव का आह्वान करते हुए कहा कि बेटी का जन्म उत्सव की तरह मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “बेटी केवल एक जेंडर नहीं है, वह परिवार का सम्मान, समाज की आत्मा और मानवता का गर्व है।” कार्यक्रम के अंत में लिंग अनुपात में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिलों को सम्मानित किया गया और उपस्थित सभी लोगों ने कन्या भ्रूण हत्या को पंजाब से पूरी तरह मिटाने का संकल्प लिया।
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