
कांग्रेस को चुनौतियों से उबारने के लिए हाईकमान की ओर से शुरू की गई कोशिशों के बावजूद पार्टी की अंदरूनी सियासत में अब भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के शीर्ष संगठन की हालत को लेकर असंतुष्ट नेताओं के उठाए मुद्दों और सवालों की गर्मी जहां अभी थमी नहीं है, वहीं दूसरी ओर संसदीय दल के ढांचे में दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों के नेताओं के बढ़ते दबदबे को लेकर भी अंदरखाने असंतोष की सुगबुगाहट होने लगी है।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों में संसदीय दल के पदाधिकारियों में उत्तरी राज्यों के मुकाबले दक्षिण और पूर्वोत्तर के नेताओं का पूरा दबदबा है। कांग्रेस संसदीय दल में उत्तर के नेताओं की अनदेखी को लेकर नाखुशी की ताजा वजह पिछले हफ्ते राज्यसभा में पार्टी के दो नए व्हिप की नियुक्ति है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नासिर हुसैन और छाया वर्मा को राज्यसभा में पार्टी का व्हिप नियुक्त किया है। नासिर हुसैन कर्नाटक से सांसद हैं। पार्टी के सियासी गलियारे में सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब चीफ व्हिप जयराम रमेश राज्यसभा में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व कर ही रहे थे तो इसी राज्य के एक अन्य नेता को व्हिप नियुक्त करने का राजनीतिक औचित्य समझ से परे है।