नई दिल्ली। बिहार में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची जारी करने के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। भाजपा ने राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा’ बताते हुए ‘वोट चोरी’ का झूठा नैरेटिव करार दिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं की। मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “निर्वाचन आयोग ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पूरी कर अंतिम मतदाता सूची जारी की। यह ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेस ने नाम जोड़ने या हटाने के लिए एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं की।”
उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा को “अवैध प्रवासियों को संरक्षण देने और लोगों को गुमराह करने का प्रयास” बताया।
‘वोट चोरी’ के दावे पर भाजपा का पलटवार
भाजपा नेता मालवीय ने राहुल गांधी के उस आरोप को खारिज किया, जिसमें उन्होंने निर्वाचन आयोग पर भाजपा के साथ मिलकर मतदाता सूची में अनियमितताओं का दावा किया था। मालवीय ने इसे “जॉर्ज सोरोस की किताब से निकली रणनीति” बताते हुए कहा कि यह कांग्रेस की हार को छिपाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों के भरोसे को कमजोर करने की साजिश है। निर्वाचन आयोग ने भी राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
वहीं, बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने एसआईआर प्रक्रिया को शुरू से ही “धोखा” बताया। उन्होंने कहा, “यह प्रक्रिया न तो जनता ने मांगी थी और न ही राजनीतिक दलों ने। फिर भी इसे इतनी लापरवाही और अपारदर्शिता के साथ किया गया। इसकी निष्पक्षता संदिग्ध है। हमारे कार्यकर्ता पूरे राज्य में यह जांच करेंगे कि कितने नाम हटाए या जोड़े गए। यह मामला यहीं खत्म नहीं होगा।”
राजेश राम ने आगे कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे राज्य में एसआईआर का गहन मूल्यांकन करेंगे कि कितने नाम जोड़े गए और कितने नाम हटाए गए, और यह मुद्दा यहीं समाप्त नहीं होगा।
47 लाख मतदाताओं के नाम हटने पर सवाल
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर मतदाताओं, राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों का आभार जताया। अंतिम सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जबकि 24 जून तक यह संख्या 7.89 करोड़ थी। इसका मतलब है कि करीब 47 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने इस पर सवाल उठाते हुए एक्स पर लिखा, “बिहार की अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए 47 लाख मतदाता कौन हैं? निर्वाचन आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इनमें से कितने अन्य राज्यों में चले गए, कितने मृत हैं और कितने फर्जी मतदाता थे। इस स्तर की पारदर्शिता जरूरी है ताकि निर्वाचन आयोग अपनी खोई विश्वसनीयता को वापस पा सके।”
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