देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन से मची तबाही के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद कमान संभाल ली है। उन्होंने सोमवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) पहुंचकर प्रदेश भर में, विशेषकर उत्तरकाशी में, अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने एक बड़ा फैसला लेते हुए भारी बारिश की चेतावनी के चलते अगले 24 घंटों के लिए चारधाम यात्रा को स्थगित करने का निर्देश दिया और सभी अधिकारियों को अगले दो महीने यानी पूरे मानसून सीजन में चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रहने के सख्त आदेश दिए।
चारधाम यात्रा पर 24 घंटे की रोक, श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता
आईटी पार्क स्थित आपातकालीन केंद्र से मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली के जिलाधिकारियों से सीधे बात की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा मार्गों पर फंसे सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “श्रद्धालुओं के लिए भोजन, दवाइयों और विशेषकर बच्चों के लिए दूध जैसी सभी मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जाए। किसी भी यात्री को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।”
उत्तरकाशी त्रासदी पर दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र में बादल फटने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और लापता मजदूरों के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान में तेजी लाने का आदेश दिया। इस दर्दनाक घटना में 29 मजदूर भूस्खलन की चपेट में आ गए थे, जिनमें से 20 को बचाव दलों ने सुरक्षित निकाल लिया है। हालांकि, दो मजदूरों के शव बरामद हुए हैं, जबकि सात मजदूर अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
गर्भवती महिलाओं और संवेदनशील इलाकों पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री धामी ने एक विशेष निर्देश देते हुए सभी जिलाधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में गर्भवती महिलाओं का एक डेटाबेस तैयार करें और उन्हें प्रसव से पहले ही सुरक्षित अस्पतालों तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्था करें, ताकि आपात स्थिति में कोई समस्या न हो। उन्होंने नदी और गदेरों के किनारे तथा अन्य संवेदनशील जगहों पर रहने वाले लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया। साथ ही, बारिश और भूस्खलन से बाधित हुई सड़कों को जल्द से जल्द बहाल करने को कहा, ताकि राहत और बचाव कार्यों में कोई बाधा न आए।
इस उच्च-स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली और आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जो मुख्यमंत्री के साथ मिलकर स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।