बारिश से नहीं अवैध खनन के कारण टूटा गोला नदी का पुल

हल्द्वानी : इंदिरानगर बाइपास स्थित गौला नदी पर बने पुल की 30 मीटर लंबी सड़क मंगलवार सुबह ध्वस्त होकर नदी में समा गई। 2008 में तेज बहाव की भेंट चढ़े इस पुल को पूरी तरह बनने में करीब पांच साल लगे थे। लेकिन आठ साल में संपर्क मार्ग दोबारा ध्वस्त होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अवैध खनन और अफसरों की लापरवाही इसके पीछे बड़ी वजह है। नदी के अंदर पानी का डायवर्जन पूरी तरह बिगड़ा हुआ था, जिस वजह से सेफ्टी वाल पानी की मार सह नहीं सकी। नतीजतन हल्द्वानी से गौलापार, चोरगलिया और खटीमा तक के लोगों को अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार सुबह पांच बजे करीब गौला पुल के टूटे हिस्से पर लोगों की नजर पड़ी। इसके बाद पूरी सड़क ही गायब हो गई। 30 मीटर लंबी, 25 मीटर गहरी और 12 मीटर चौड़ी सड़क मलबा बनकर नदी में समा गई। सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद बैरिकेड लगाकर लोगों को पुल से दूर किया गया। मगर भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठियां भी फटकारनी पड़ी। वहीं, पुल के बंद होने की वजह से गौलापार व चोरगलिया के लोगों को अब काठगोदाम होकर शहर आना पड़ेगा। वहीं, खटीमा तक से बड़े वाहन, ट्रक व रोडवेज बसें वाया चोरगलिया होकर इस रास्ते से हल्द्वानी पहुंचती थी। लेकिन काठगोदाम से आने पर अब उन्हें नो-एंट्री का सामना करना पड़ेगा।

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