तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा होते ही, देश छोड़कर भागने वाले पूर्व राष्ट्रपति ‘अशरफ गनी’ के भाई हशमत गनी ने तालिबान से हाथ मिला लिया है । बता दें कि हशमत गनी ने तालिबानी नेता ‘खलील- उर- रहमान’ और धार्मिक नेता ‘मुफ्ती महमूद जाकिर’ की उपस्थिति में तालिबान को पूर्ण समर्थन करते हुए इसकी घोषणा की है। उन्होंने तालिबान को समर्थन का फैसला अल्हाज खलील-उर रहमान हक्कानी के साथ हुई मीटिंग के बाद लिया है । ग्रैंड काउंसिल ऑफ कुचिस के प्रमुख हशमत गनी ने अपने समर्थन की घोषणा तालिबान के नेता खलील-उर रहमान और धार्मिक स्कॉलर मुफ्ती महमूद जाकिर की मौजूदगी में की । अशरफ गनी इस समय अपने परिवार के साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हैं । काबुल पर तालिबान के कब्जे के बीच 15 अगस्त को अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे । हालांकि अफगानिस्तान में सरकार के बेदखल होने के बाद उन्होंने अपनी बात सामन रखी थी । फेसबुक पर जारी वीडियो में अशरफ गनी ने बताया था कि अगर वह मुल्क छोड़कर नहीं जाते तो बहुत खून-खराबा होता ।