बिजली कर्मचारी नहीं माने तो लग सकता है रसुका

उत्तराखंड में बिजली कर्मचारियों की छह अक्तूबर से होने वाली हड़ताल को देखते हुए सरकार ने भी सख्त तेवर अपना लिए हैं। राज्य सरकार ने आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागों के कर्मचारियों की हड़ताल से निपटने और उपद्रवियों को काबू करने के लिए कड़ा प्रावधान कर दिया है। रासुका के तहत जिलाधिकारी, हड़ताल या उपद्रव में शामिल किसी भी व्यक्ति को कभी भी गिरफ्तार कर सकते हैं। सरकार ने ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों की छह अक्तूबर से प्रस्तावित हड़ताल और किसानों के संभावित उग्र प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर यह कदम उठाया है।राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होने से रोकने, आवश्यक आपूर्ति सुचारु बनाने, सेवा के रखरखाव और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वालों के साथ ही सांप्रदायिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए यह कानून कभी भी गिरफ्तारी का अधिकार देता है। सूत्रों ने बताया कि यदि किसी पावर प्लांट में कर्मचारी बिजली उत्पादन में परेशानी पैदा करते हैं तो उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही लखीमपुर खीरी की घटना के बाद उत्तराखंड में किसानों के उपद्रव की स्थिति बनने पर भी सरकार रासुका का सहारा ले सकती है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *