उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद की महासचिव पुष्पा मानस व संयुक्त सचिव कलेश्वर प्रसाद भट्ट के मुताबिक भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 से वीरता पुरस्कार शुरू किए थे। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है। सभी बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है।
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बता दें, रुद्रप्रयाग के तमिण्ड गांव निवासी नितिन का सामना चंडिका मंदिर जाते हुए रास्ते में गुलदार से हो गया था। अदम्य साहस का परिचय देते हुए नितिन ने गुलदार से न सिर्फ अपनी बल्कि अपने भाई की भी जान बचा ली। घटनाक्रम के अनुसार 18 वर्षीय नितिन 12 जुलाई 2021 की सुबह अपने बड़े भाई सुमित के साथ नारी देवी चंडिका मंदिर महायज्ञ में जा रहा था। रास्ते में डाडू तोक के पास पानी के स्रोत से वह पानी पीने लगा इस बीच उसका बड़ा भाई कुछ आगे निकल गया, तभी पहले से घात लगाए बैठा गुलदार नितिन पर झपट गया। नितिन को तीन मीटर नीचे की ओर धकेलकर फिर उस पर झपटा।
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