देहरादून। पाखरी टाइगर सफारी मामले में विजिलेंस तीन आईएफएस सहित कुछ अन्य वन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकती है। सरकार ने शनिवार को इनके खिलाफ मुकदमे की अनुमति विजिलेंस को दे दी। सूत्रों के अनुसार इसमें पूर्व आईएफएस किशनचंद सहित करीब छह-सात वन अफसर और कर्मचारी भी शामिल होंगे।
एफआईआर विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी में दर्ज होगी। जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित कुछ अन्य धाराएं भी लगेंगी। कुछ लोगों को सह अभियुक्त भी बनाने की तैयारी है। विजिलेंस ने दो अगस्त को जांच पूरी कर मुकदमे की अनुमति के लिए सरकार को फाइल भेजी थी।
जिस पर सरकार ने भी तेजी दिखाते हुए ही अनुमति दे दी। विजिलेंस जांच में भ्रष्टाचार, सरकारी धन के दुरुपयोग और अवैध निर्माण सहित कई आरोप सही पाए गए हैं। अब मुकदमे के बाद इसकी विस्तृत जांच होगी। निदेशक विजिलेंस अमित सिन्हा ने अनुमति मिलने की पुष्टि की है।
क्या है मामला
कार्बेट के पाखरो में करीब 105 हेक्टेयर में बनने वाली टाइगर सफारी में बिना अनुमति और वित्तीय स्वीकृति के सरकारी धन के खर्च का आरोप लगा। शासन ने इसकी जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। विजिलेंस ने जांच के बाद मंगलवार को रिपोर्ट शासन को भेज दी। जिमसें तीन वरिष्ठ आईएफएस सहित कुछ अन्य वन अधिकारी व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और सरकारी धन का गबन सहित कई गंभीर आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए थे। जिसके बाद विजिलेंस ने इस मामले में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विस्तृत जांच की अनुमति सरकार से मांगी थी।