प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगता है विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हरीश रावत खुद कहते है कि मै चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं हूं। मैं नहीं चाहता कि मेरी दावेदारी से कोई विवाद हो। मैं केवल और केवल तभी चुनाव लड़ूंगा जब हाईकमान मुझे आदेश देगा। विधानसभा चुनाव और टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी तौर पर जारी खींचतान के बीच रावत से मन की बात पूछी।बकौल हरीश रावत, मेरा चुनाव लड़ना, न लड़ना सब पार्टी तय करेगी। व्यक्तिगत रूप से मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से पार्टी में कहीं विवाद दिखाई दे। मेरी मजबूरी है कि मेरा नाम, सबसे चर्चित नाम है लेकिन इसमें मेरा कोई दोष नहीं है। मैं तो वर्ष 2002, 2007 और 2012 में भी चुनाव नहीं लड़ा। पर इस बार मैं वर्ष 2002 वाले मूड में हूं। तब भी इतिहास बना था और इस बार भी इतिहास रचने का मौका है। रावत समर्थकों का भी मानना है कि रावत का चुनाव लड़ने से ज्यादा बेहतर चुनाव लड़ाना होगा। रावत चुनाव में जिस भी सीट पर खड़े होंगे, भाजपा और उसकी सभी शक्तियां रावत को उसी क्षेत्र में उलझाए रखने को पूरी ताकत झोंक सकती हैं।