देहरादून। भाजपा से बर्खास्त हरक सिंह रावत अब खिसयानी बिल्ली की तरह खंबा नोच रहे हैं। कोटद्वार से हार का डर और भाजपा नेतृत्व के उनके टिकट नहीं बदलने की वजह से वह कांग्रेस में जाने के विकल्प पर काम कर रहे थे। कांग्रेस से अपने और बहू अनुकृति के लिए मोलभाव में लगे थे कि भाजपा ने उनको झटका दे दिया। अब न वह घर के रहे न घाट के। बर्खास्त होने के चलते अब अपनी शर्तों पर कांग्रेस में जाने के उनके मंसूबे पर पानी फिर गया है। बर्खास्तगी के बाद हरक का कहना है कि उनके क्षेत्र में सरकार ने विकास नहीं किया जिससे वह नाराज थे।