हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल 2017 से 2021 के बीच कई पुरुष आवेदकों को विधवा पेंशन बांट दी गई, जबकि धन्नासेठों को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) योजनाओं के लाभ दे दिए गए। गुरुवार को विधानसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिलने कैग रिपोर्ट टेबल की, जिसमें यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का ढांचा भी सही नहीं पाया गया है। कई योजनाओं में ऑनलाइन की जगह हस्तचालित प्रक्रिया का प्रयोग पाया गया है। पात्र परिवारों डाटाबेस नहीं बनाने योजनाओं से भी वंचित रह गए।
भारत के नियंत्रण महालेखापरीक्षक की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की स्थिति पर 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष को लेकर रिपोर्ट विधानसभा सदन में रखी गई। इसमें आवेदनों की जांच और सत्यापन प्रक्रिया में कई अनियमितताएं पाई गईं। अपेक्षित प्रमाणपत्रों के बिना अपूर्ण आवेदनों को मंजूर किया गया। ई कल्याण सॉफ्टवेयर में हस्तचालित रूप से दर्ज आवेदकों की आयु वास्तविक अभिलेखों से भिन्न पाई गई। निर्धारित दिव्यांग मापदंडों को पूरा न करने वाले आवेदनों को दिव्यांग लाभ दिए गए।
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एक आधार नंबर का कई बार प्रयोग पाया गया। आवेदनों का सत्यापन तय समय में नहीं किया गया। सर्वेक्षण में 82 फीसदी लाभार्थियों ने घरद्वार पर पेंशन प्राप्त नहीं होने की सूचना दी। कैग रिपोर्ट में बताया गया कि मृत्यु, पुनर्विवाह, रोजगार और आय में परिवर्तन से संबंधित निगरानी और सत्यापन में भी देरी की गई।